Dhanbad News : कोल इंडिया ने अपनी 35 प्रमुख कोल माइंस की सूची जारी की है. जिन्हें ‘सुपर माइंस’ की श्रेणी में शामिल किया गया है. इन खदानों का कोल इंडिया के कुल उत्पादन में 73 फीसदी योगदान है. यह पहल उत्पादकता बढ़ाने और संचालन को अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गयी है. इन ‘सुपर 35’ कोल माइंस में सबसे अधिक 13 खदानें महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की हैं, जबकि उत्पादन के लिहाज से शीर्ष तीन खदानें साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसइसीएल) की है. वहीं झारखंड से जुड़ी तीन कोल कंपनियों की बात करें, तो बीसीसीएल, सीसीएल व इसीएल की आठ माइंस को ‘सुपर 35’ कोल माइंस में जगह मिली है. इसमें सर्वाधिक सीसीएल की चार, बीसीसीएल व इसीएल की दो-दो खदानों का चयन ‘सुपर माइंस’ की श्रेणी में चयन किया गया है. इन खदानों का चयन उत्पादन क्षमता, संचालन की कुशलता और रणनीतिक महत्व के आधार पर किया गया है. यह सूची नीति निर्माताओं को खदानों के संचालन, निवेश, और प्रबंधन को प्राथमिकता देने में मदद करेगी.
सीसीएल, बीसीसीएल व इसीएल की इन खदानों को मिली जगह :
सीसीएल की आम्रपाली व मग्ध ओसीपी को ‘सुपर 35’ कोल माइंस के शीर्ष 10 खदानों में शामिल किया गया. इसके अलावा सीसीएल की एकीकृत कोनार खासमहल व अशोका ओसीपी सुपर माइंस की श्रेणी में शामिल किया गया है. जबकि बीसीसीएल एकीकृत एनटी-एसटी कुजामा ओसीपी व एकीकृत मुराइडीह-फुलारिटांड ओसीपी को शामिल किया गया है. वहीं इसीएल की राजमहल ओसीपी व सोनपुर बाजारी ओसीपी सुपर माइंस में अपनी जगह प्राप्त कर सकी है. बता दें कि सुपर माइंस (उत्पादन के आधार पर) शीर्ष तीन में एसइसीएल की गेवरा, कुसमुंडा व दीपका ओपन कास्ट माइंस शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है