धनबाद : हरिजन उत्पीड़न के एक दूसरे मामले में बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो ने शनिवार को हरिजन उत्पीड़न के विशेष न्यायाधीश की अदालत में दायर रिमांड आवेदन को वापस ले लिया. उनके अधिवक्ता ने 26 जून को अदालत में आवेदन दायर कर केस में रिमांड करने की प्रार्थना की थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि विधायक ढुलू महतो प्राथमिकी के नामजद अभियुक्त नहीं है, तब यह कदम उठाया.
बताते चलें कि आठ मार्च 2020 को दरिदा निवासी नंदलाल मांझी ने बरोरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि ढुलू समर्थक गोपाल महतो, चंडी सिंह, युगल रवानी, टिंकू महतो व कमल महतो ने मिल कर उसकी सिलवारटांड़ की जमीन को चहारदीवारी कर कब्जा कर लिया है. विरोध किया तो वे लोग जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया था.
चिटफंड घोटाले में कंपनी मैनेजर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज : पाकुड़ जिला के एक फर्जी चिटफंड कंपनी द्वारा ग्राहकों से लाखों रुपये घोटाला किये जाने के मामले में आरोपित कंपनी मैनेजर मो शरीफुल इस्लाम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय की अदालत में हुई. अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
रिश्वतखोरी में गवाह का बयान हुआ कोर्ट में दर्ज : बीसीसीएल की सेंद्रा बांसजोड़ा कोलियरी में सीबीआइ द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए अटेंडेंस क्लर्क किशोरी प्रसाद राउत मामले में शनिवार को अभियोजन पक्ष के गवाह संजय कुमार हरिजन ने धारा 164 के तहत अपना बयान प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निर्भय प्रकाश की अदालत में दर्ज कराया. उन्होंने अपने बयान में प्राथमिकी का समर्थन किया. पूर्व में सीबीआइ के इंस्पेक्टर सह अनुसंधानकर्ता मुरारी प्रसाद ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय की अदालत में आवेदन दायर कर साक्षी संजय का बयान धारा 164 के तहत कराने का आग्रह किया था.
निरसा गांजा तस्करी में तीन आरोपियों की जमानत पर सुनवाई : निर्दोष इसीएलकर्मी चिरंजीत घोष को गांजा तस्कर बता कर जेल भेजने के मामले में आरोपी जेल में बंद तेतुलमारी थाना क्षेत्र के रवि ठाकुर, सुनील कुमार चौधरी उर्फ सुनील पासी व कतरास निवासी नीरज कुमार तिवारी की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता अभय कुमार भट्ट ने बहस की.
वहीं अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय ने जमानत का जोरदार विरोध किया. अदालत ने अगली तारीख 30 जून मुकर्रर कर दी. बताते हैं कि सीआइडी ने इनके खिलाफ साजिश के तहत गांजा प्लांट कर निर्दोष इसीएलकर्मी चिरंजीत घोष को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है. इस केस में चिरंजीत को निरसा पुलिस ने जेल भेजा था. इस मामले में सीआइडी ने छह जून 2020 को तीनों आरोपियों को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था.