बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में पीएचडी कोर्स वर्क की सप्लीमेंट्री परीक्षा में कुछ ऐसा हुआ है, जो परीक्षा प्रणाली पर प्रश्न-चिह्न खड़ा करता है. इतिहास विभाग के एक शिक्षक ने इंटरनल एसेसमेंट में 30 में 35 अंक देकर अपनी ‘शैक्षणिक उदारता’ का ऐसा परिचय दिया है कि पूरा परीक्षा विभाग हक्का-बक्का रह गया. दरअसल, पीएचडी कोर्स वर्क की सप्लीमेंट्री परीक्षा में जब इंटरनल मार्क्स अपलोड करने से पहले इसकी जांच की जा रही थी, तो पता चला कि एक छात्र को निर्धारित 30 अंक की जगह 35 अंक मिल गये हैं. बस फिर क्या था, रिजल्ट तुरंत रोक दिया गया और जांच शुरू कर दी गयी. पाठ्यक्रम की बात करें, तो कोर्स वर्क में चार पेपर होते हैं. हर पेपर 100 अंकों का. इसमें 30 अंक इंटरनल और 70 अंक थ्योरी के होते हैं. प्रत्येक पेपर में पास होने के लिए 50 अंक और ओवरऑल 55 प्रतिशत अंक जरूरी है. इंटरनल 30 नंबर विवि के शिक्षकों के मूल्यांकन के आधार पर दिया जाता है.
बीते मार्च में हुई थी परीक्षा :
पीएचडी कोर्स वर्क की सप्लीमेंट्री परीक्षा मार्च 2025 में हुई थी. पेपर वन की परीक्षा 18 मार्च 2025, पेपर दो की परीक्षा 20 मार्च 2025, पेपर तीन की परीक्षा 22 मार्च और पेपर चार की परीक्षा 24 मार्च को हुई थी.पीएचडी कोर्स वर्क क्यों है जरूरी : पीएचडी कोर्स वर्क किसी शोधार्थी की अकादमिक नींव मजबूत करने के लिए अनिवार्य होता है. यह उन्हें शोध पद्धति, लेखन कौशल, साहित्य समीक्षा और विषय की गहन समझ विकसित करने में सहायक होता है. यह चरण उच्च शोध की तैयारी के लिए आवश्यक बौद्धिक परिपक्वता प्रदान करता है.
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