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छोटानगरी के मकरू रवानी हत्याकांड में शंकर दोषी करार, दो अभियुक्त हुए रिहा
धनबाद: कतरास थाना क्षेत्र के तेतुलमारी छोटानगरी निवारी मकरू रवानी की गला घोंट कर हत्या कर उसके शव को छिपाने के एक मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चौदह रवींद्र कुमार की अदालत ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए जेल में बंद शंकर रवानी को भादवि की धारा 302 में दोषी करार […]
धनबाद: कतरास थाना क्षेत्र के तेतुलमारी छोटानगरी निवारी मकरू रवानी की गला घोंट कर हत्या कर उसके शव को छिपाने के एक मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चौदह रवींद्र कुमार की अदालत ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए जेल में बंद शंकर रवानी को भादवि की धारा 302 में दोषी करार दिया. अन्य दो आरोपी कुंती देवी व विनोद रवानी को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की अगली तिथि सात जून 17 मुकर्रर कर दी. फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह भी अदालत में मौजूद थे.
क्या है मामला
18 मई 2011 को संध्या चार बजे शंकर रवानी ने मकरू रवानी को मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले गया. जब रात में वह घर नहीं लौटा तब उसके परिजन खोजबीन करने लगे. दूसरे दिन उसका शव छोटानगरी माध्यमिक विद्यालय के समीप झाड़ी में पाया गया. पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान पकड़े गये अभियुक्तों के निशानदेही पर जिस चादर से गला घोंट कर हत्या की गयी थी, वह चादर व जिस मोटरसाइकिल से शव को ठिकाने लगाया गया था उसे भी बरामद किया. कुंती देवी के नाम से बैंक व पोस्ट ऑफिस में जमा राशि का कागजात भी पाया गया. 31 मई 2011 को केस के आइओ अलखदेव सिंह ने आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया. 7 जून 2012 को अदालत ने आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया.
घूसखोर बैंक मैनेजर समेत दो के खिलाफ आरोप गठन
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश 11सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत में शुक्रवार को रिश्वतखोरी के एक मामले की सुनवाई हुई. अदालत में आरोपित उमेश प्रसाद (ब्रांच मैनेजर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) झुमरी तिलैया व सुनील कुमार पांडेय (प्राइवेट व्यक्ति) हाजिर थे. अदालत ने भादवि की धारा 120(बी) सहपठित 7 पीसी एक्ट व 13(2) सहपठित 13(1) (डी) के तहत आरोप गठित किया. आरोपितों ने आरोप से इनकार किया. सुनवाई के वक्त अदालत में सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक कपिल मुंडा भी मौजूद थे. सुभाष कुमार को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पचास हजार रुपये का लोन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया झुमरी तिलैया से सेंसन हुआ था. आरोपी ब्रांच मैनेजर उमेश प्रसाद ने एक प्राइवेट व्यक्ति सुनील कुमार पांडेय के मार्फत चेक बुक निर्गत करने के एवज में दो हजार पांच सौ रुपये बतौर रिश्वत की मांग की. श्री कुमार ने इसकी लिखित शिकायत सीबीआइ एसपी धनबाद से की. नौ मार्च 16 को सीबीआइ ने जाल बिछा कर आरोपी द्वय उमेश प्रसाद व सुनील कुमार पांडेय को बतौर रिश्वत लेते घर दबोचा था.
मनराज तिर्की हत्या कांड में हुई सुनवाई
मनराज तिर्की की हाजत में हुई मौत के मामले में सुनवाई शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी यूएन सिंह (रिटायर्ड एएसआइ) हाजिर थे, जबकि रुकसार अंसारी (पूर्व प्रभारी) गैरहाजिर थे. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तिथि निर्धारित कर दी. ज्ञात हो कि आरोपितों ने 31 दिसंबर 05 को घटना को अंजाम दिया था. मनराज की मौत एक जनवरी 06 को हो गयी थी.
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