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अवैध उत्खनन करने को मजबूर हैं मनरेगा मजदूर
निरसा: निरसा प्रखंड अंतर्गत बेलकूपा पंचायत में कार्यरत 38 मजदूर एक वर्ष से मनरेगा के तहत काम के एवज में भुगतान की बाट जोह रहे हैं. मजदूरों में विभाग के प्रति काफी रोष है. विभाग के पास इन मजदूरों का 38 हजार 243 रुपया बकाया है. मजदूर कई बार प्रखंड कार्यालय से लेकर पोस्टऑफिस का […]
निरसा: निरसा प्रखंड अंतर्गत बेलकूपा पंचायत में कार्यरत 38 मजदूर एक वर्ष से मनरेगा के तहत काम के एवज में भुगतान की बाट जोह रहे हैं. मजदूरों में विभाग के प्रति काफी रोष है. विभाग के पास इन मजदूरों का 38 हजार 243 रुपया बकाया है. मजदूर कई बार प्रखंड कार्यालय से लेकर पोस्टऑफिस का दरवाजा खटखटा चुके हैं. इसके बावजूद इन्हें मजदूरी नहीं मिली है. यह सरासर विभागीय लापरवाही है. कई मजदूर तो मजबूरी में अवैध कोयला खनन कर रहे हैं. मजदूरों ने कहा कि 38 में से एक 35 वर्षीय युवक की मौत छह माह पूर्व अवैध खनन करने के दौरान हो गयी.
दो मजदूरों की गयी जान : मजदूर मोगनाडीह टोला के शिवलाल मरांडी (50) व बेलकूपा के भगीरथ गोराईं (35) की मौत हो गयी.
मजबूरी में काटते हैं कोयला : बातचीत के दौरान मनरेगा के मजदूरों ने कहा कि वर्ष भर से उन्हें काम नहीं मिल रहा है. इस स्थिति में वहचापापुर, देवियाना, हड़ियाजाम, कुहका, फटका सहित अन्य स्थानों पर अवैध कोयला खनन करने के लिए मजबूर हैं. इस दौरान हमेशा पुलिस व दुर्घटना का डर बना रहता है.
उज्ज्वल कुमार गोस्वामी ने पीएमओ को लिखा पत्र, शुरू हुई कार्रवाई
इस संबंध में बेलकूपा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता उज्ज्वल कुमार गोस्वामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है. ऑनलाइन की गयी शिकायत में प्रधानमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच की जिम्मेवारी राज्य सरकार के विभागीय सचिव को सौंपी है.
शिकायत के बाद मजदूरों को यह मिला जवाब
सभी 38 मजदूरों ने बेलकूपा पंचायत के डुभी में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण में काम किया था. मजदूरों को जब एक सप्ताह का भुगतान नहीं मिला तो मजदूरों ने निरसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी से भुगतान की गुहार लगायी है. योजना का निरीक्षण कर बीडीओ ने निरसा पोस्टऑफिस को पत्र लिखा. बीडीओ ने कहा कि विभाग ने मजदूरी का 38 हजार रूपया का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन कार्डधारियों को भुगतान नहीं मिला है. 15 दिनों में भुगतान सुनिश्चित किया जाये. निरसा के पोस्टमास्टर सुखलाल मांझी ने बताया कि मामले की जानकारी धनबाद हेडऑफिस के सीनियर पोस्टमास्टर को 28 सितंबर 2016 को दी गयी. दो जनवरी 2017 को इस संबंध में पुन: पत्र लिखा गया है. पत्र के माध्यम से बताया गया है कि एफटीओ ट्रांजेक्शन से अब तक इन मजदूरों के खाते में राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
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