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झरिया पुल चौड़ीकरण के लिए आंदोलन जारी, धरना पर बैठे व्यवसायी बनायी मानव शृंखला
धनबाद: झरिया पुल चौड़ीकरण को लेकर व्यवसायियों का आंदोलन तेज हो गया है. पुराना बाजार चेंबर के बाद बुधवार को बैंक मोड़ चेंबर ने झरिया पुल पर धरना दिया. इसके पूर्व बैंक मोड़ चेंबर सहित विभिन्न संगठनों ने मानव शृंखला बनाकर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया. वक्ताओं ने कहा कि 17 साल से झरिया […]
धनबाद: झरिया पुल चौड़ीकरण को लेकर व्यवसायियों का आंदोलन तेज हो गया है. पुराना बाजार चेंबर के बाद बुधवार को बैंक मोड़ चेंबर ने झरिया पुल पर धरना दिया. इसके पूर्व बैंक मोड़ चेंबर सहित विभिन्न संगठनों ने मानव शृंखला बनाकर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया. वक्ताओं ने कहा कि 17 साल से झरिया पुल चौड़ीकरण की मांग की जा रही है. न तो जिला प्रशासन सहयोग कर रहा है और न ही जनप्रतिनिधि इसको लेकर गंभीर हैं. शहर की लाइफ लाइन है झरिया पुल. पुल के चौड़ीकरण होने तक आंदोलन जारी रहेगा. धरना की अध्यक्षता बैंक मोड़ चेंबर अध्यक्ष सुरेंद्र अरोड़ा व संचालन सचिव प्रभात सुरोलिया ने किया.
धरना को जिला चेंबर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, महासचिव चेतन गोयनका, पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा, मो सोहराब खान, अजय नारायण लाल, उदय प्रताप सिंह,एसपी सौंधी आदि ने संबोधित किया. धरना पर सुदर्शन जोशी, सुशील नारनोली, लोकेश अग्रवाल, मुकेश सोमानी, सिट्टू, रमेश चांडक, रोहित लिखमानिया, प्रदीप सिंह, उमेश हेलीवाल, आजाद कृष्ण अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, अशोक सर्राफ, मधुरेंद्र कुमार, प्रवीण गोयल,विकास कंधवे, मिहिर दत्ता, विनोद अग्रवाल, शिवाशीष पांडेय, आइएम मेनन, प्रमोद सचदेवा, सोमनाथ पुरूर्थी, राकेश आनंद, मिक्की सतनालिका, संजय खंडेलवाल, संजय मोर, राजेश रिटोलिया, पवन सोनी, सुशील सावंड़िया, कैलाश गोयल व संदीप मुखर्जी बैठे थे.
इन संगठनों का साथ : बैंक मोड़ चेंबर, पुराना बाजार चेंबर, जिला चेंबर, थोक वस्त्र विक्रेता संघ, जीटा, धनबाद जिला डिस्ट्रीब्यूटर्स संघ, बरटांड़ चेंबर, कृषि बाजार समिति, धैया चेंबर, पुस्तक व्यवसायी संघ, शक्ति मंदिर कमेटी, सरायढेला चेंबर, शक्ति मंदिर सेवा दल, भारत विकास परिषद्, मारवाड़ी युवा मंच, फ्लावर मिल एसोसिएशन.
दूसरे दिन बैंक मोड़ चेंबर ने खोला मोरचा
बैंक मोड़ चेंबर अध्यक्ष सुरेंद्र अरोड़ा व सचिव प्रभात सुरोलिया ने कहा कि करोड़ों का डीपीआर बन रहा है. सड़क चौड़ीकरण का काम भी चल रहा है. 40 वर्षों से यहां भारी ट्रैफिक है. झरिया पुल चौड़ीकरण के लिए कोई पहल नहीं हो रही है. जबकि साउथ साइड में स्टेशन भी चालू हो गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने परिकल्पना की थी कि देश में छोटे-छोटे राज्य बनायेंगे, जिससे वहां का विकास होगा. इसी परिकल्पना के साथ झारखंड राज्य का निर्माण हुआ. लेकिन आज भी हमलोग विकास कोसों दूर है. मीडिया में विकास की पुल बांधी जा रही है. शर्म की बात है कि एक पुल के चौड़ीकरण के लिए हम व्यवसायियों को धरना देना पड़ रहा है. 15 दिनों के अंदर चौड़ीकरण का काम शुरू नहीं हुआ तो हम व्यवसायी आमरण अनशन पर बैठेंगे.
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