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इंटक रेड्डी गुट सरेंडर करेगा नाम और नंबर?
धनबाद: इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) का संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. एक से उबरने की कोशिश में दूसरा संकट सामने आ खड़ा हो जाता है. इंटक के रजिस्ट्रेशन वाले मुकदमे में इंटक रेड्डी गुट के सचिव जी राजू ने हलफनामा देकर कहा है कि वह इंटक का नाम […]
धनबाद: इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) का संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. एक से उबरने की कोशिश में दूसरा संकट सामने आ खड़ा हो जाता है. इंटक के रजिस्ट्रेशन वाले मुकदमे में इंटक रेड्डी गुट के सचिव जी राजू ने हलफनामा देकर कहा है कि वह इंटक का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर 5098 सरेंडर कर देंगे. इधर केस करने वाले इंटक तिवारी गुट के महासचिव केके तिवारी ने इसे अपनी जीत बताते हुए कहा कि अगली सुनवाई दिल्ली हाइकोर्ट में 23 मई को होगी. इस बात कि सूचना पाते ही इंटक ददई गुट के नेता इस मुकदमे में पार्टी बनने के लिए दिल्ली कूच कर गये हैं.
केके तिवारी ने दी है चुनौती : राज्य सभा के लिए दुबारा टिकट नहीं मिलने से नाराज इंटक अध्यक्ष संजीवा रेड्डी ने साल 2006 में इंटक का ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार दिल्ली के यहां आवेदन दिया. 6 फरवरी 2007 को रजिस्ट्रेशन हुआ. जिसका नंबर 5098 मिला. इंटक की दावेदारी को लेकर तिवारी गुट के महासचिव केके तिवारी ने ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार दिल्ली के यहां चुनौती देते हुए कहा कि इंटक को 22 मई 1958 को यूपी से मान्यता मिली हुई है. बकौल तिवारी रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन दिल्ली ने उनके पक्ष में फैसला दिया. इसके बाद मुकदमों का दौर शुरू हुआ. दिल्ली हाइ कोर्ट ने निचली अदालत को ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया. ट्रायल में रजिस्ट्रार दिल्ली और रजिस्ट्रार यूपी को गवाही के लिए बुलाया गया. रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन दिल्ली गवाही के दौरान होस्टाइल हो गये और कहा कि 6 फरवरी 2007 को हुआ रजिस्ट्रेशन गलत है. वहीं यूपी के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने कहा कि 22 मई 1958 को इंटक को मान्यता मिली है. इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई को दिल्ली हाइ कोर्ट में होनी है.
क्या है हलफनामा में
इंटक रेड्डी गुट के सचिव पी राजू ने 4 मई को दिल्ली हाइकोर्ट के जज प्रतिभा रानी की अदालत में अपना हलफनामा दिया. उन्होंने कहा है कि इंटक के रजिस्ट्रेशन के समय हलफनामा देकर कहा था कि यदि इस नाम से और कोई संगठन कहीं रजिस्ट्रर्ड होगा तो इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर 5098 सरेंडर कर देंगे. यह सही है कि एक नाम और नंबर से दो संगठन दो जगह से रजिस्ट्रर्ड नहीं हो सकता. यह सही है कि डिप्टी लेबर कमिश्नर यूपी-सह-रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन यूपी ने 22 मई 1958 को इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस को मान्यता दी थी.
पी राजू का कहना है
पी राजू, इंटक रेड्डी गुट के सचिव पी राजू का कहना है कि इंटक के रजिस्ट्रेशन के समय दिए शपथ पत्र में मैंने कहा था कि यदि इस नाम और नंबर का कोई और संगठन रजिस्टर्ड होगा तो हम अपने संगठन का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर सरेंडर कर देंगे.
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