धनबाद : वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने, पुलिस की वरदी फाड़ने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में शनिवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी विनोद कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत में अभियोजन के साक्षी संख्या-9 आइओ शैलेंद्र कुमार सिंह ने अपनी गवाही दी. उसने अदालत को बताया कि मैं इस केस में दुबारा गवाही देने आया हूं. उस वक्त मैं सहायक अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत था. मेरी पदोन्नति अवर निरीक्षक के पद पर हुई.
तब मेरी जवाबदेही बढ़ गयी. लोक सेवक के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए स्वीकृति (सेंशन) की आवश्यकता होती है. बचाव पक्ष की ओर से दंप्रसं की धारा 91 के तहत एक आवेदन दायर कर दस्तावेज मंगाने के लिए समन निर्गत करने का आग्रह किया गया. अदालत ने अभियोजन साक्षी आलोक सिंह की उपस्थिति के लिए फ्रेश समन निर्गत करने का आदेश दिया.
बचाव पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ललन ओझा ने बहस की. जबकि अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद व राधेश्याम गोस्वामी ने उनको सहयोग किया. सुनवाई के वक्त अदालत में भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो, बसंत शर्मा समेत चार आरोपित हाजिर थे. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 19 मई 17 को मुकरर्र कर दी. विदित हो कि आरोपितों ने 12 मई 13 को निचितपुर में घटना को अंजाम दिया था.