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विजय साव अपहरणकांड में दो को सात वर्ष की कैद
धनबाद :फैमिली कोर्ट धनबाद में हाजिरी लगाने आये विजय साव का अपहरण करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के डिगवाडीह 10 नंबर निवासी सुरेंद्र साव और जयंती देवी को भादवि की धारा 364 में सात वर्ष की कैद व पांच-पांच […]
धनबाद :फैमिली कोर्ट धनबाद में हाजिरी लगाने आये विजय साव का अपहरण करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के डिगवाडीह 10 नंबर निवासी सुरेंद्र साव और जयंती देवी को भादवि की धारा 364 में सात वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
अदालत ने 25 अप्रैल को दोनों आरोपितों को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. विदित हो कि 25 मई 2006 को विजय साव फैमली कोर्ट में अपनी हाजिरी लगाने आया था. जब वह कोर्ट से निकला तब आरोपितों ने उसका अपहरण कर लिया. बाद में शिकायतकर्ता राजकुमार साहु (चास) ने अपने पुत्र विजय साव की हत्या का अंदेशा आरोपितों पर लगाया. फैसला सुनाये जाने के वक्त सजा बिंदु पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता पीके भट्टाचार्य व अपर लोग अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने बहस की.
स्पाइस जेट को भुगतान का आदेश :जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्य द्वय नरेश प्रसाद सिंह व पुष्पा सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को मिठू रोड धनबाद निवासी सरनजीत सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने स्पाइस जेट लिमिटेड, उदय विहार, गुड़गांव हरियाणा को आदेश दिया कि वे परिवादी को दस हजार रुपये टिकट की रकम लौटा दे.
परिवादी ने पांच एयर टिकट बुक कराया था. यह ई-टिकट 20 अगस्त 14 को कोलकाता से दिल्ली स्पाइस जेट एसजी 105 और दिल्ली से अमृतसर स्पाइस जेट एसजी 668 से था, जो 7 नवंबर 14 का टिकट था. परिवादी को उस टिकट से अपने परिजन के साथ शादी में जाना था.
जब परिवादी अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ निर्धारित समय 15.30 बजे कोलकाता एयर पोर्ट पहुंचा तब जेट एयर 105 समय से पहले जा चुका था. जिसकी पूर्व सूचना परिवादी को नहीं दी गयी. परिवादी को दूसरी उड़ान से दिल्ली के पालम एयर पोर्ट पहुंचा दिया गया. परिवादी को भाड़े पर इनोवा लेकर दिल्ली से अमृतसर जाना पड़ा. परिवादी अमृतसर अपने परिवार के साथ 8 नवंबर 14 को पहुंचा, फलस्वरूप 7 नवंबर 14 को शादी समारोह में भाग नहीं ले सका.
रिश्वतखोरी में दो वर्ष की कैद
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव की अदालत ने गुरुवार को रिश्वतखोरी के मामले में बीसीसीएल के पूर्व सुपरिटेंडेंट आॅफ माइंस (विजिलेंस अधिकारी) तपन कर को भादवि की धारा 120 बी सहपठित पीसी एक्ट की धारा 7 व 13 (2) सहपठित 13 (1) (डी) में दोषी पाकर दो वर्ष कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. सजा के बिंदु पर सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन कुमार सिन्हा ने बहस की. मामला कोल अधिकारी ललन राम को विजिलेंस जांच में लाभ पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपये रिश्वत लेने का था. सीबीआइ ने 22 जनवरी 94 को तपन कर को रंगे हाथ पकडा था.
दुष्कर्मी दोषी करार, सजा आज
पोक्सो के स्पेशल जज सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में गुरुवार को मुनीडीह निवासी जेल में बंद प्रवीण सिंह को भादवि की धारा 376 में दोषी करार दिया. अदालत सजा के बिंदु पर शुक्रवार को फैसला सुनायेगी.
21 जुलाई 16 को पीड़िता चीनी लाने के लिए बाजार गयी थी. जब वह लौट रही थी तब बालूडीह हॉस्पिटल से आगे लिट्टी व समोसा बेचने वाले प्रवीण सिंह ने उसे बुलाया और दुकान बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया.
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