धनबाद : एनआरआइ चिकित्सक डॉ गौरी गुहा (75) का मरणोपरांत पीएमसीएच के आइ बैंक में नेत्रदान किया गया. डॉ गुहा अविवाहित थीं. बीमार होने के कारण वह यूके (यूनाइटेड किंग्डम) से नवंबर 2015 में अपनी बहन डॉ कृष्णा कांत बागची के घर लोहारकुल्ही (सरायढेला) आ गयी थी. डॉ बागची सेंट्रल अस्पताल में सेवारत हैं. सुबह 7.15 बजे डॉ गुहा ने अंतिम सांसें ली. इसके बाद बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन की पहल पर उनका नेत्रदान किया गया. अंतिम संस्कार सोमवार की रात को खुदिया नदी घाट पर किया गया. डॉ गुहा का लगभग डेढ़ माह से सेंट्रल अस्पताल से भी इलाज चल रहा था.
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एनआरआइ चिकित्सक का मरणोपरांत नेत्र दान
धनबाद : एनआरआइ चिकित्सक डॉ गौरी गुहा (75) का मरणोपरांत पीएमसीएच के आइ बैंक में नेत्रदान किया गया. डॉ गुहा अविवाहित थीं. बीमार होने के कारण वह यूके (यूनाइटेड किंग्डम) से नवंबर 2015 में अपनी बहन डॉ कृष्णा कांत बागची के घर लोहारकुल्ही (सरायढेला) आ गयी थी. डॉ बागची सेंट्रल अस्पताल में सेवारत हैं. सुबह […]
नहीं की थी शादी, कोलकाता में हुई थी पढ़ाई : डॉ गुहा ने शादी नहीं की थी. वर्ष 1979 में उन्होंने कोलकाता के नीलरतन सिरचर से मेडिकल की पढ़ाई की थी. इसके बाद यूके चली गयी थीं. वहां उन्होंने चिकित्सकीय सेवा में योगदान दिया. उन्होंने निश्चेतना में डिग्री ली थी. वहीं बहन डॉ बागची धनबाद में आकर बस गयीं. डॉ बागची के पति डीपीएस में कंप्यूटर शिक्षक हैं.
बंगाली वेलफेयर ने किया प्रोत्साहित : नेत्र दान के लिए बंगाली वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने परिजनों को प्रोत्साहित किया. इसके बाद आई बैंक के प्रभारी डॉ रजनीकांत सिन्हा को सूचना दी. डॉ सिन्हा ने तत्काल एक टीम लोहारकुल्ही भेजी. टीम ने कार्निया लेकर आई बैंक में प्रिजर्व कर दिया. अब इसे जरूरतमंद को लगाया जायेगा. इधर, सहयोग करने वालों में सोसाइटी के गोपाल भट्टाचार्या, कुंदन दे, अतनु गुप्ता, बुद्धदेव मुखोपाध्याय, पीके चटर्जी, गुबला आदि का सराहनीय योगदान रहा. बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने लगभग एक दर्जन नेत्रदान अपने सहयोग से कराया है.
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