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खाताधारकों की निजी जानकारी को सार्वजनिक न करे बैंक : चोथे

धनबाद: एसएसपी मनोज रतन चोथे ने बैंकों से कहा है कि खाताधारों की निजी जानकारियों को गोपनीय रखें. किसी भी स्तर पर बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के खाताधारकों की निजी डिटेल्स किसी को उपलब्ध नहीं करायें. खाताधारकों की निजी जानकारी लीक करने और खातों से छेड़छाड़ करने के कई मामले प्रकाश में आते रहते […]

धनबाद: एसएसपी मनोज रतन चोथे ने बैंकों से कहा है कि खाताधारों की निजी जानकारियों को गोपनीय रखें. किसी भी स्तर पर बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के खाताधारकों की निजी डिटेल्स किसी को उपलब्ध नहीं करायें. खाताधारकों की निजी जानकारी लीक करने और खातों से छेड़छाड़ करने के कई मामले प्रकाश में आते रहते हैं.

यह गैरकानूनी है. ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. एसएसपी मंगलवार को यहां न्यू टाउन हॉल में बैंक और एटीएम की सुरक्षा को लेकर बैंकर्स के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक में उपायुक्त ए दोड्डे मुख्य रूप से मौजूद थे. इस दौरान एसएसपी ने बैंकर्स को कई निर्देश दिये. बैठक में बाघमारा एएसपी प्रभात कुमार, डीएसपी मुकेश कुमार महतो, विकास कुमार पांडेय, अशोक कुमार तिर्की, (विधि-व्यवस्था) डीएन बंका, सभी सर्किल इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी तथा जिले के सभी बैंक के प्रतिनिधि मौजूद थे.

एसएसपी ने दिये सुरक्षा के लिए ये निर्देश
रुपये छीनने के मामले में : बैंक अपनी अंदरूनी सुरक्षा मजबूत करे. बैंक में आने वाले संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखे. बैंक यदि ऐसा करेंगे तो अवांछित तत्वों के प्रवेश करने पर रोक लग जायेगी. बैंक से रकम निकाल कर बाहर आने वाले लोगों से बाइकर्स द्वारा रुपये छीने जाने की वारदात पर रोक लगेगी.
साइबर क्राइम : समय रहते पुलिस को जानकारी दी जाये और बैंक अलर्ट रहे तो पिन पूछकर रकम निकालने के धंधे पर रोक लगेगी. साइबर ठगी के मामले में रकम 72 घंटे तक पेमेंट गेटवे में पड़ा रहता है. यदि भुक्तभोगी समय पर पुलिस को सूचना दे तो 72 घंटे से पूर्व ही रकम को थर्ड पार्टी के एकाउंट में जाने से रोका जा सकता है. सूचना देने में देरी करने पर भुक्तभोगी, पुलिस तथा बैंक को रकम वापस लाने में बहुत ज्यादा समय लग सकता है.
बैंक की सुरक्षा : बैंक शाखा प्रबंधक चाहे तो उनके नाम से आर्म्स लाइसेंस प्राथमिकता के आधार पर जारी किया जायेगा. जब संबंधित अधिकारी का तबादला होगा तो वही लाइसेंस नये शाखा प्रबंधक के नाम पर हस्तांतरित कर दिया जायेगा. बैंक के कैश वॉल्ट में टाइम लॉक लगाना अनिवार्य है. बहुत से बैंक इसका उल्लंघन करते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी सेफ्टी एंड सिक्युरिटी प्रोसिडीयर (एसओपी) को अमल में लायें.
कैश मूवमेंट : पुलिस पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करती है. बाहर से भारी मात्रा में कैश लाना हो तो बैंक लोकल थाना या उनसे सुरक्षा के लिए सीधे संपर्क कर सकते हैं. कैश मूवमेंट को अधिक सुरक्षित करना है. रकम का बीमा होने के कारण बैंक इसमें ढिलाई बरतते हैं. यह ठीक नहीं है.
व्यवसाय का समय : बैंक व्यवसाय के लिए निर्धारित समय का सख्ती से पालन करें. समय से पहले बैंक न खोलें तथा कार्यावधि समाप्त होने पर शीघ्र बैंक को बंद कर लें. बैंक के प्रवेश द्वार पर चैनल गेट लगायें और उसमें चेन लगायें. ताकि बैंक में एक वक्त में एक ही ग्राहक अंदर-बाहर आना-जाना कर सके. बैंक के अंदर अनावश्यक भीड़ न होने दें. सुरक्षा बिंदुओं का शत प्रतिशत पालन करें.
सीसीटीवी कैमरा : सीसीटीवी फुटेज की नियमित जांच करें. इससे कई संदिग्ध को चिह्नित किया जा सकता है.
एटीएम की सुरक्षा : अभी भी ऐसे कई एटीएम हैं जहां सुरक्षाकर्मी नहीं है. डोर सिक्युरिटी सिस्टम फेल है. बैंकर्स अपनी एटीएम की नियमित जांच कर सारी खामियों को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करें. एटीएम फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए सुनिश्चित करें कि एटीएम के कैंसल, डीलिट इत्यादि के बटन से छेड़छाड़ नहीं हुई हो. साथ ही अवांछित तत्वों द्वारा खाताधारक का पिन जानने के लिए गुप्त कैमरा या एटीएम कार्ड क्लोन उपकरण नहीं लगा हो. सीसीटीवी कैमरा की भी जांच करें. फुटेज को रन कर देखें और गार्ड की गतिविधी पर पैनी नजर रखें. कई मामलों में एटीएम के सीसीटीवी फुटेज घटिया होने के कारण कांड के उद्भेदन में विलंब होता है. बैंक के पास सुरक्षा को लेकर पर्याप्त फंड उपलब्ध है. इसका सही इस्तेमाल होने से एटीएम की सुरक्षा बढ़ जायेगी. एटीएम में पुलिस कलर में स्थानीय थाना का नंबर और अन्य जानकारी के पोस्टर लगाये जा सकते हैं.

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