दोनों के बीच प्रेम प्रसंग पहले से चल रहा था. नंदू अपनी पत्नी वीणा को चलने के लिए बोला वह बोली कि नहीं जायेगी. इसी को लेकर पति-पत्नी के बीच बहस हुई. उसी वक्त कृष्णा सिंह के पुत्र विक्रम सिंह, अपर्णा सिंह (मां) और पत्नी ने पटक कर नंदू सिंह को जान से मार डाला. घटना के बाद मृतक की मां नीलम देवी ने गोविंदपुर थाना में कांड संख्या 406/14 भादवि की धारा 302, 34 दर्ज कराया. केस के आइओ शैलेंद्र कुमार सिंह ने 11 नवंबर 14 को आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया. आठ जनवरी 15 को अदालत ने आरोप गठित कर केस का विचारण प्रारंभ किया.
Advertisement
पति की हत्या में पत्नी-प्रेमी को उम्रकैद
धनबाद: प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत ने नंदू सिंह हत्याकांड में गुरुवार को मृतक की पत्नी वीणा देेवी और उसके प्रेमी विक्रम सिंह को भादवि की धारा 302, 34 में दोषी पाकर उम्र कैद व बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर सजायाफ्ताओं को छह माह […]
धनबाद: प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत ने नंदू सिंह हत्याकांड में गुरुवार को मृतक की पत्नी वीणा देेवी और उसके प्रेमी विक्रम सिंह को भादवि की धारा 302, 34 में दोषी पाकर उम्र कैद व बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर सजायाफ्ताओं को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. अदालत ने कृष्णा सिंह व उसकी पत्नी अपर्णा सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. अaभियोजन की ओर से लोक अभियोजक टीएन उपाध्याय ने सजा के बिंदु पर बहस की.
मामला प्रेम संबंध का : 18 अगस्त 14 को नंदू सिंह अपनी पत्नी वीणा देवी व बच्चों को लाने के लिए गोविंदपुर स्थित कृष्णा सिंह के पुत्र विक्रम सिंह के घर गया. वीणा देवी अपने पति नंदू सिंह से झगड़ा कर विक्रम के घर गयी थी. जब नंदू सिंह अपनी पत्नी व बच्चों को लाने के लिए विक्रम के घर पहुंचा तो उसे पता चला कि उसकी पत्नी (वीणा) व विक्रम के बीच अवैध संबंध है.
दहेज हत्या में पति व ससुर दोषी करार, सजा 16 को : 50 हजार रुपये दहेज के लिए उषा कुमारी की हत्या करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने धनबाद निवासी रंजीत सिंह (पति) व गणेश सिंह (ससुर) को धारा 304 (बी) में दोषी पाकर हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने सजा बिंदु पर सुनवाई की अगली तिथि 16 जनवरी 17 मुकर्रर की. सुनवाई के वक्त अपर लोक अभियोजक धनंजय सिंह मौजूद थे. कोर्ट ने शीला देवी व सबीता देवी को बरी कर दिया.
क्या है मामला : जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के डुमरी नंबर तीन निवासी विनोद बिहारी सिंह ने अपनी बहन उषा कुमारी की शादी 9 फरवरी 07 को रंजीत सिंह के साथ की थी. शादी के बाद से ही उसके (उषा) ससुरालवाले 50 हजार रुपये दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे. 2 दिसंबर 07 को रंजीत सिंह ने अपने परिजन के सहयोग से उषा को जला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया. उसे इलाज के लिए पीएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मृतका के भाई विनोद बिहारी सिंह ने धनबाद थाना में मामला दर्ज कराया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement