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यूनियनों की सदस्यता का सत्यापन शुरू

धनबाद: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव की ओर से अधिसूचना जारी किये जाने के बाद देश के बारह केंद्रीय मजदूर संगठनों की सदस्यता का सत्यापन शुरू हो गया है. अधिसूचना के मुताबिक सत्यापन वर्ष 2011 की सदस्यता पर हो रहा है. छह साल पूर्व की सदस्यता के आधार पर सत्यापन ने यूनियनों […]

धनबाद: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव की ओर से अधिसूचना जारी किये जाने के बाद देश के बारह केंद्रीय मजदूर संगठनों की सदस्यता का सत्यापन शुरू हो गया है. अधिसूचना के मुताबिक सत्यापन वर्ष 2011 की सदस्यता पर हो रहा है. छह साल पूर्व की सदस्यता के आधार पर सत्यापन ने यूनियनों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सदस्यता के सत्यापन के बाद यह तय होगा कि देश का नंबर एक मजदूर संगठन कौन है. वैसे नबंर एक के लिए बीएमएस और इंटक में होड़ है. वर्ष 2002 में हुए सत्यापन के बाद बीएमएस नंबर एक पर है.
कैसे होगा सत्यापन: यूनियनों की सदस्यता का सत्यापन 31 दिसंबर 2011 के आधार पर होना था. लेकिन यूनियनों की आपसी प्रतिद्वंद्विता खास कर इंटक की गुटबाजी और मामला अदालत में जाने के कारण देर होती चली गयी. इंटक रेड्डी गुट, ददई गुट और तिवारी गुट ने अपने आप को असली इंटक होने का दावा किया था. इधर अधिसूचना जारी होने के बाद केंद्रीय श्रमायुक्त कार्यालय के अधिकारी सत्यापन के लिए सक्रिय हो गये हैं. एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल दो फेज का सत्यापन होगा. पहला रजिस्टर और दूसरा स्पॉट वेरिफिकेशन. अभी रजिस्टर वेरिफिकेशन चल रहा है. सूत्रों के अनुसार सदस्यता का सत्यापन चार तरीके से होगा. रैंडम, कार्यालयों में जाकर, कुछ सदस्यों को बुलाकर एवं कुछ सदस्यों के पते पर जाकर.
यूनियनों की परेशानी: मजदूर संगठनों के नेताओं का कहना है कि 2011 के बाद कितने ही सदस्य रिटायर हो गये हैं और कितनों की मृत्यु हो चुकी है. सरकार को समय पर सदस्यता सत्यापन करना चाहिए. इतना ही नहीं 6 साल पहले के कागजात ढूंढ़ने में भी परेशानी हो रही है.

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