धनबाद: स्टैंड के नाम पर नगर निगम में लूट मची है. स्टैंड से वसूली कर निगम के खजाने में ना जमा कर निगम कर्मी अपनी जेब भर रहे हैं. बैंक मोड़ सरकारी कुआं से उर्मिला टावर एवं सरकारी कुआं से स्टेट बैंक तक के स्टैंड की बंदोबस्ती नहीं हुई. लिहाजा निगम कर्मी अजरुन राम को विभागीय वसूली के लिए प्रतिनियुक्त किया गया. पिछले दो माह अक्तूबर व नवंबर में अजरुन राम ने निगम के खजाने में एक भी पैसा जमा नहीं किया. दिसंबर माह में 6195 रुपये की इंट्री है. जबकि इन दोनों स्टैंड से रोजाना बीस से पच्चीस हजार रुपये की वसूली होती है. ऐसी बात नहीं कि निगम के वरीय पदाधिकारियों की इसकी जानकारी नहीं है. जब कुछ जान कर भी वरीय अधिकारी आंखें मूंद रखे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि पूरा पैसा कर्मचारी व अधिकारी में बंदरबांट हो जाता है.
छह सैरात की होती है विभागीय वसूली : नगर निगम क्षेत्र में 20 में दस सैरात की बंदोबस्ती हुई है. छह सैरात पर विभागीय वसूली की जा रही है. विवाद के कारण चार सैरात का मामला लटका हुआ है. जहां बंदोबस्ती हुई है, उसका तो पैसा निगम को मिल रहा है. लेकिन जहां विभागीय वसूली की जा रही है. उसमें भारी गड़बड़झाला है. निगम के खाते में कुछ नहीं आता और अधिकारी व कर्मचारी के जेब भर रहे हैं. झरिया फुटपाथ व बलियापुर स्टैंड की बात लें. यहां विभागीय वसूली होती है. निगम कर्मी कृष्णकांत व मिलन श्रीवास्तव की देखरेख में यहां वसूली की जा रही है. लेकिन आज तक वसूली का एक भी पैसा निगम के पास नहीं पहुंचा. जबकि निगम की ओर से तीन बार रिमाइंडर पत्र संबंधित कर्मचारी को दिया गया. सिंदरी का नेहरू मैदान स्टैंड में निगम कर्मी संतोष कुमार शर्मा को विभागीय वसूली के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. इसकी भी हालत झरिया की तरह है.