लोगों की लग रही भीड़, नहीं मिल रहे एनेस्थेटिक्स
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डॉक्टरों की कमी से परिवार नियोजन की रफ्तार धीमी
लोगों की लग रही भीड़, नहीं मिल रहे एनेस्थेटिक्स धनबाद : परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता को लेकर सरकार ‘हम दो-हमारे दो’ के नारे तो देती है, लेकिन जब लोग स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं, तब स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल जाती है. दरअसल जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन को लेकर हर […]
धनबाद : परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता को लेकर सरकार ‘हम दो-हमारे दो’ के नारे तो देती है, लेकिन जब लोग स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं, तब स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल जाती है. दरअसल जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन को लेकर हर मंगलवार व शुक्रवार को कैंप लगाया जा रहा है.
कैंप में काफी संख्या में महिला व पुरुष पहुंच रहे हैं. लेकिन मात्र चार बेहोशी करने के चिकित्सक (एनेस्थेटिक्स) के कारण कई जगहों पर कार्यक्रम बाधित हो रहा है. वहीं ऑपरेशन करने वाले मात्र पांच सर्जन हैं. पीएमसीएच से कुछ चिकित्सक लाकर ऑपरेशन कराये जा रहे हैं.
मार्च तक 16 हजार लक्ष्य : इस वर्ष मार्च 2016 तक स्वास्थ्य विभाग को 16 हजार परिवार नियोजन करने का लक्ष्य सरकार ने दिया है. एक माह के बाद (जनवरी) अभी दस प्रतिशत ही उपलब्धि हो पायी है. लाभुकों की भी राशि बढ़ा दी गयी है. पुरुषों को दो हजार व महिलाओं को 16 सौ रुपये दिये जाने का प्रावधान है.
सरकार राशि सीधे लाभुकों के बैंक अकाउंट्स में जमा करती है.
गोविंदपुर की बदतर स्थिति : परिवार नियोजन को लेकर सभी केंद्रों की स्थिति अमूमन एक जैसी है, लेकिन गोविंदपुर प्रखंड की स्थिति ज्यादा खराब है. यहां से डा जीतेश रंजन, डा रिंकु कुमारी, डा कुमार गौतम, डा नौशाद, डा एच रहमान आदि का तबादला दूसरी जगहों पर हो गया है. डा बी कुमार को छोड़ बाकी अनुबंध चिकित्सक के भरोसे केंद्र है.
इस कारण परिवार नियोजन यहां नहीं हो पा रहा है. टुंडी, तोपचांची, बलियापुर, निरसा आदि में लोगों काफी संख्या में आ रहे हैं. लेकिन एनेस्थेटिक्स नहीं हैं.
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