धनबाद/रांची: झरिया की भूमिगत खदानों में लगी आग को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने अविलंब वहां के निवासियों को पुनर्वासित करने का निर्देश दिया है. इसे एक मिशन के रूप में लेने और पुनर्वास योजना के लिए प्रोफेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर रखने की सलाह दी है. मुख्य सचिव गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन (रांची) में झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झरिया का स्थायी समाधान आग लगे क्षेत्रों को खाली करा कर लोगों को अन्यत्र पुनर्वासित करना ही है.
लेकिन मकान के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं यथा अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, बाजार, पथ, विद्युत आपूर्ति, पेयजल एवं स्वच्छता सभी की व्यवस्था सुरक्षित जगह पर की जानी चाहिए. पुनर्वास के पूर्व सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित समय सीमा के भीतर पुनर्वासित कराये जाने वाले लोगों का निर्धारण कर ंिलया जाना चाहिए. जिसमें आधार संख्या महत्वपूर्ण सहयोगी साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस बात की भी निगरानी रखने की आवश्यकता है कि जिन्हें पुनर्वासित किया गया है, वे अपने पुराने स्थान पर न लौटें इसके लिए उनको रोजगार सुलभ कराने की भी आवश्यकता है, जिसमें बीसीसीएल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
पुनर्वास के लिए बनाये जाने वाले टाउनशिप में सभी आवश्यक सुविधाओं के लिए अंतर विभागीय बैठक को उन्होंने आवश्यक बताते हुए कहा कि टाउनशिप में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, पथ सभी का होना जरूरी है. बैठक में बताया गया कि झरिया क्षेत्र में कई स्थानों पर रेल एवं सड़क परिवहन भी असुरक्षित हो चुके हैं. सड़क मार्ग परिवर्तन का कार्य लगभग हो चुका है. यह अक्तूबर तक पूरा हो जायेगा.
रेल परिवहन के संबंध में रेल मंत्रलय को पूर्व में ही पत्र दिया गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि परिवहन को महत्व देते हुए रेल मंत्रलय को पुन: पत्र दिया जाय, साथ ही पत्र की प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय को भी दी जाय तथा कोयला मंत्रलय द्वारा इस दिशा में प्रयास करने के लिए अनुरोध किया जाये. बैठक में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी, खान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, धनबाद के उपायुक्त प्रशांत कुमार तथा बीसीसीएल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.