दरअसल, कम पानी पीने से मूत्रमार्ग में पथरी बनने लगती है. पथरी मूलत तीन चीजों कैलिशियम, फाॅस्फेट व मैग्नेशियम से बनती है. मूत्रनली की पथरी शुरुआत में दवा से आसानी से निकल जाती है, लेकिन देरी होने पर इसके साइड बढ़ते जाते हैं. एकमात्र रास्ता ऑपरेशन ही बचता है. पथरी होने पर देखा जाता है, लोग चिकित्सक के पास नहीं जाकर नीम-हकीम के पास चले जाते हैं. इससे स्थिति और जटिल हो जाती है. हाइ प्रोटिन डाइट से तेजी से लोग पथरी के मरीज बन रहे हैं.
अधिक साग खाने, टमाटर, गोभी, बैंगन खाने वालों में भी पथरी की शिकायत मिल रही है. सामान्यत: खनिज तत्वों को शरीर में घुल जाना चाहिए, लेकिन कई लोगों के शरीर में यह नहीं घुल पाता है आैर पथरी बन जाता है. कोयलांचल में ऐसे मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है.