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गुड न्यूज: धनबाद रेलवे स्टेशन बनेगा चाइल्ड फ्रेंडली

धनबाद : धनबाद रेलवे स्टेशन को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जायेगा. यह प्रस्ताव पास हो गया है. इसके लिए जीआरपी एवं आरपीएफ को ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके अलावा धनबाद जिले को भी चाइल्ड फ्रेंडली बनाने का प्रयास किया जायेगा. कोशिश बच्चों को संरक्षण देते हुए मेन स्ट्रीम में लाने की होगी. ये बातें बाल श्रम आयोग […]

धनबाद : धनबाद रेलवे स्टेशन को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जायेगा. यह प्रस्ताव पास हो गया है. इसके लिए जीआरपी एवं आरपीएफ को ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके अलावा धनबाद जिले को भी चाइल्ड फ्रेंडली बनाने का प्रयास किया जायेगा. कोशिश बच्चों को संरक्षण देते हुए मेन स्ट्रीम में लाने की होगी. ये बातें बाल श्रम आयोग के सदस्य संजय कुमार मिश्रा ने कही. इसमें काम करते, नशा करते या लावारिस अवस्था में बच्चे नहीं मिलेंगे.

ऐसे बच्चों के मिलने पर उससे दोस्त जैसा व्यवहार करते हुए उसकी समस्या दूर की जायेगी. एक तरह से बच्चों से संबंधित समस्याओं में अविलंब कार्यवाही (क्विक एक्शन) होगा. श्री मिश्रा बुधवार को समाहरणालय में संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.

बैठक में अधिकारियों के बीच थोड़ा-बहुत वाद-विवाद भी हुआ. मौके पर डीडीसी अशोक कुमार सिंह, एसडीएम महेश कुमार संथालिया, सहायक श्रमायुक्त राजेश प्रसाद, श्रमाधीक्षक राकेश कुमार सिन्हा, डीइओ धर्म देव राय, डीएसइ बांके बिहारी सिंह, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय डीके बंका, समाज कल्याण पदाधिकारी, सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष नीता सिन्हा, चाइल्ड लाइन के पदाधिकारी आदि मौजूद थे.

ऑपरेशन मुस्कान : पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय श्री बंका ने बताया कि ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत 52 बच्चों को रेस्क्यू कर सीडब्ल्यूसी एवं चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है. आयोग के सदस्य श्री मिश्र ने निर्देश दिया कि कार्यवाही के दौरान पुलिस के साथ-साथ श्रम विभाग के पदाधिकारी को भी रखा जाये.
60 मामलों पर कार्यवाही : सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि बाल श्रमिकों से संबंधित 60 मामलों पर कार्यवाही चल रही है.
जनवरी में कार्यशाला : जनवरी 2016 के प्रथम सप्ताह में ऑपरेशन मुस्कान व बाल श्रम एवं बाल संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होगा. आयोग के सदस्य ने निर्देश दिया कि 1098 चाइल्ड लाइन एवं बच्चों से जुड़े तमाम एक्ट के प्रावधानों की होर्डिंग्स शहर में तीन-चार जगहों पर लगायी जाए, ताकि उसकी जानकारी मिले.
इसकी भी समीक्षा : बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार ने विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की. निजी स्कूलों में बीपीएल कोटि के बच्चों के नामांकन, मध्याह्न भोजन, पोशाक व पुस्तक वितरण, साइकिल वितरण, शौचालय, बेंच डेस्क व आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों के संबंध में भी जानकारी ली व एक सप्ताह में रिपोर्ट भी मांगा.

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