11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुख्यमंत्री लाडली योजना के भंवर में फंसे तीन हजार आवेदन

पोस्ट ऑफिस से फिर से मांगे गये आवेदन मोहन गोप धनबाद : सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो दे रही है, लेकिन बेटियों के लिए चलायी जा रही योजनाओं का हश्र धरातल पर क्या है, इनका नमूना है मुख्यमंत्री लाडली योजना. वर्ष 2012 से लेकर 2014 के बीच लगभग तीन हजार आवेदन की […]

पोस्ट ऑफिस से फिर से मांगे गये आवेदन

मोहन गोप

धनबाद : सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो दे रही है, लेकिन बेटियों के लिए चलायी जा रही योजनाओं का हश्र धरातल पर क्या है, इनका नमूना है मुख्यमंत्री लाडली योजना. वर्ष 2012 से लेकर 2014 के बीच लगभग तीन हजार आवेदन की फाइल पोस्ट ऑफिस में धूल फांक रही है.

आवेदन सीडीपीओ कार्यालय धनबाद के माध्यम से पोस्ट ऑफिस को दिये गये थे, लेकिन तीन हजार बच्चियों को प्रमाण पत्र अभी तक निर्गत नहीं किया जा सका है. इधर, पोस्ट ऑफिस से इसी योजना के लिए फिर से आवेदन मांगे जा रहे हैं. इससे लोग ठगा महसूस कर रहे हैं.

जानें लाडली योजना को : बेटियों के लिए यह योजना 15 नवंबर 2011 को योजना झारखंड में लागू की गयी. संस्थागत प्रसव से हुई पहली अथवा दूसरी या दोनों बेटियों के नाम से जन्म के एक वर्ष से लेकर लगातार पांच वर्षो तक प्रतिवर्ष छह हजार की दर से कुल 30 हजार डाक जमा योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा विनियोग किया जाना है. इसमें बच्ची को कक्षा छह में दो हजार, कक्षा नौ में चार हजार, कक्षा 11वीं में साढ़े सात हजार व बारहवीं की परीक्षा में शामिल होने पर (21 वर्ष की आयु) एक लाख आठ हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है.

सीएम से करेंगे शिकायत : भूली के अनुज कुमार का कहना है कि तीन वर्ष के बाद भी लाडली योजना का प्रमाण पत्र नहीं मिला है. वहीं दो-तीन साल के बाद फिर से आवेदन जमा करना जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले में इससे पहले जिले के कई पदाधिकारियों व पोस्ट ऑफिस को लिखा, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. इसलिए अब हम सब मिल कर मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें