रांची/धनबाद: घरेलू रसोई गैस के उपभोक्ता यदि पहल (सब्सिडी योजना) में जल्द शामिल नहीं होते हैं, तो उन्हें इससे वंचित रहना पड़ सकता है. वैसे ग्राहकों को माना जायेगा कि वे सब्सिडी नहीं लेना चाहते हैं. उन्हें सब्सिडी छोड़नेवालों की श्रेणी में रखा जायेगा. सरकार इस संबंध में जल्द तिथि तय करने की तैयारी कर रही है. अभी भी वैसे लोगों को सब्सिडी नहीं मिल रही है. जानकारों के अनुसार 30 सितंबर तक इसमें शामिल होने की तिथि निर्धारित की जा सकती है.
अभी दो लाख लोग नहीं जुड़े हैं पहल से : झारखंड में लगभग 12 लाख एलपीजी घरेलू गैस उपभोक्ता हैं. इसमें लगभग 10 लाख लोगों ने पहल योजना में अपना नाम जोड़ा है, वहीं दो लाख लोग ऐसे हैं, जो अभी भी पहल से बाहर हैं. इन्हें सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं मिल रही है. अब प्रतिदिन पांच-सात लोग ही पहल में शामिल होने के लिए आवेदन कर रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या हजारों में थी. कुछ लोगों ने आवदेन दिया है, लेकिन उनका खाता अभी भी योजना से नहीं जुड़ पाया है.
6734 लोगों ने छोड़ी सब्सिडी : झारखंड में अब तक 6734 लोगों ने अपनी एलपीजी गैस की सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ी है. सब्सिडी छोड़ने की योजना गिव इट अप में शामिल होने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. सरकार ने समर्थ लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की है, लेकिन अभी भी नेता-अधिकारी इसमें शामिल नहीं हुए हैं. आम लोग ही सब्सिडी छोड़ कर अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं.
बटन दबाने से नहीं जाती है सब्सिडी
घरेलू रसोई गैस की सब्सिडी बटन दबाने से नहीं जायेगी. सब्सिडी छोड़ने के लिए लिखित होना जरूरी है. यदि किसी उपभोक्ता द्वारा गलती से सब्सिडी छोड़नेवाला बटन दब जाता है, तो इसका मतलब नहीं कि आपकी गैस सब्सिडी गयी. जीरो का बटन दबाने के बाद डीलर के यहां जाकर फार्म भरना होगा. तभी गैस सब्सिडी समाप्त होगी.
झारखंड में सब्सिडी छोड़नेवालों की संख्या बढ़ रही है. जल्द ही विभिन्न संगठनों के साथ मुलाकात कर उनके सदस्यों को सब्सिडी छोड़ने की अपील की जायेगी.
राकेश सरोज, वरिष्ठ एरिया मैनेजर, इंडेन