निरसा: अब पंचायतों में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान गत वित्तीय वर्ष के मद्देनजर 13 वें वित्तीय आयोग के मद से पीसीसी सड़कें नहीं बनेंगी. यह कार्य पंचायती राज व एनआरइपी विभाग के जरिये होता है. इस बाबत तत्कालीन तत्कालीन मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती, प्रधान सचिव वित्तीय विभाग राजबाला वर्मा, प्रधान सचिव पंचायती राज के विद्यासागर व निदेशक पंचायती राज शशि रंजन प्रसाद सिंह ने विभागीय पत्र जारी किया है.
व्यय का अनुपात 60:20:20 : विभिन्न पंचायत के प्रतिनिधि 13 वें वित्तीय आयोग के माध्यम से बैठकों में सड़क निर्माण की मांग करते रहे हैं. अब तय नियम के तहत आवंटित राशि का 60 प्रतिशत खर्च ग्राम पंचायत कार्यालय में कंप्यूटर, इंटरनेट, जेनेरेटर, इन्वर्टर की व्यवस्था, पंचायत में पेयजल की व्यवस्था व नाली, सोक पिट, स्वच्छता अभियान पर करना है.
20 प्रतिशत राशि में पंचायत समिति की प्रस्तावित कार्य योजना है. इसके तहत पंचायत समिति कार्यालय का रख-रखाव, सुसज्जीकरण, पेयजल संबंधी निर्णय, प्रखंड कार्यालय परिसर में अवस्थित सरकारी भवनों की मरम्मत, आंगनबाड़ी व पंचायत भवनों की चहारदीवारी का निर्माण के अलावा बाजार हाट, पंचायतों में स्वच्छता संबंधी निर्णय के बाद राशि को खर्च करना है. 20 प्रतिशत राशि जिला परिषद के माध्यम से कार्यालय का रख रखाव, कंप्यूटर सेवा, ऊर्जा व्यवस्था, आय का सृजन को ले निर्णय, नाली निर्माण, चापाकल, कुआं के पास सोकपिट व पंचायत भवन व आंगनबाड़ी केंद्रों का चहारदीवारी निर्माण करवाना है.