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रामधीर सिंह को हुई उम्रकैद

चर्चित विनोद सिंह व मन्नू अंसारी हत्याकांड में धनबाद : बहुचर्चित विनोद सिंह व मन्नू अंसारी दोहरे हत्या कांड में शनिवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत ने सजा के बिंदु पर अपना फैसला सुनाते हुए बलिया जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह को भादवि की धारा 302 में उम्र कैद […]

चर्चित विनोद सिंह व मन्नू अंसारी हत्याकांड में
धनबाद : बहुचर्चित विनोद सिंह व मन्नू अंसारी दोहरे हत्या कांड में शनिवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत ने सजा के बिंदु पर अपना फैसला सुनाते हुए बलिया जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह को भादवि की धारा 302 में उम्र कैद व आर्म्स एक्ट की धारा 27 में तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई. दोनों सजा एक साथ चलेगी.
फैसले के वक्त अदालत में आरोपी रामधीर सिंह उपस्थित नहीं थे. अभियोजन की ओर से एपीपी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह व सूचक के निजी अधिवक्ता सीएस प्रसाद, सहदेव महतो मौजूद थे. जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुपस्थित रहे. अदालत ने रामधीर को नौ अप्रैल 15 को उनकी अनुपस्थिति में ही उपरोक्त दोनों धाराओं में दोषी करार दिया था. जबकि पूर्व मंत्री बच्च सिंह को बरी कर दिया था. सजा के बिंदु पर 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी थी. लेकिन आरोपी रामधीर सिंह गैर हाजिर थे.
क्या है मामला
15 जुलाई 98 को विनोद सिंह अपनी निजी गाड़ी से सुबह साढ़े आठ बजे घर से कार्यालय जा रहे थे. तभी कतरास बाजार शहीद भगत सिंह चौक के पास अपराधियों ने उनकी गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें विनोद सिंह व उनके चालक मन्नू अंसारी की मौत हो गयी.
घटना के बाद मृतक के भाई दून बहादुर सिंह ने कतरास थाना में बच्च सिंह, रामधीर सिंह व राजीव रंजन सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन केस के आइओ रामनाथ तिवारी ने अपना अनुसंधान पूरा कर चार आरोपी शेर बहादुर सिंह, रामधीर सिंह, बच्च सिंह व अनिल यादव के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था.
इस केस में बच्च सिंह व रामधीर सिंह ही ट्रायल फेस कर रहे थे. तीन अप्रैल 04 को अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया था. इस केस में अभियोजन की ओर से एपीपी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने साक्षी दून बहादुर सिंह, सत्येंद्र सिंह, मनोज सिंह, सुधीर कुमार, देवाशीष घोषाल, डॉ उमा शंकर सिंह (तीलाटांड), तपन कुमार, फरीदा खातून, डॉ विनोद कुमार, डॉ शैलेंद्र कुमार, आइओ रामनाथ तिवारी, सुधीर कुमार सिंह व नवल कुमार सिंह समेत 19 साक्षियों का परीक्षण कराया था. सात साक्षियों ने दंप्रसं की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था. यह मामला एसटी केस नंबर 7/00 से संबंधित है.

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