धनबाद. समाज के सभी संसाधनों में मानव संसाधन का सही इस्तेमाल होता तो देश व राज्य अव्वल होते. इसलिए इसका विकास जरूरी है. बिना नामांकन व स्कूल से बाहर आठ हजार बच्चों को स्कूल लाने की जरूरत है. शहरी क्षेत्रों में असंगठित दैनिक मजदूरों व गांवों में आदिम जनजाति आदि की तरफ देखना होगा. लिंगानुपात भी देखना होगा. बाल पंजी पर बारीकी से काम लें. पहली-दूसरी कक्षा तक दो फीसदी बच्चों का ड्रॉपआउट है.
इसके लिए कौन से ऐसे कारक हैं, जो बच्चों को स्कूल आने से रोक रहे हैं. बाल मजदूरी आदि पर कानूनी कार्रवाई के साथ जागरूकता जरूरी है. शौचालय खोल नया मॉडल विकसित करें, जिसका बालिका शिक्षा पर प्रभाव जरूर दिखेगा. ये बातें मुख्य अतिथि उपायुक्त केएन झा ने कही. वह रविवार को न्यू टाउन हॉल में ‘विद्यालय चलें, चलायें अभियान’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कहा कि निजी स्कूलों के अच्छे से अच्छे शिक्षकों से अच्छे हमारे सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं. प्रोफेशनल डेडिकेशन जरूरी है. निजी व सरकारी स्कूल के बच्चों में इंट्रैक्शन होना चाहिए. निजी स्कूलों से अपील है कि जब बीपीएल बच्चे वहां होंगे तो उनसे वे बच्चे भी बहुत कुछ सीखेंगे. डायवर्सन जरूरी है. आरटीइ का अनुपालन होगा, लेकिन एक बेहतर माहौल बनाना होगा. सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपना कॉमन सेंस लगायें, जो कई जगह देखने को नहीं मिलता.
100 प्रतिशत उपस्थिति पर सम्मान : मौके पर डीइओ धर्म देव राय ने अभियान से जुड़ी तमाम बातें बतायी. कहा कि 100 प्रतिशत छात्र-छात्र उपस्थिति वाले स्कूल, गांव व प्रखंड को जिला व राज्य स्तर पर सम्मानित किया जायेगा. इस दौरान फिल्मी कलाकारों के अभिनय का एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की है. अंत में सभी अतिथियों ने अभियान के रथ को सभी प्रखंडों के लिए हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. मौके पर डीएसइ बांके बिहारी सिंह, एसडीएम अभिषेक श्रीवास्तव समेत सभी बीइइओ, बीआरपी, सीआरपी, परियोजना कर्मी एवं शिक्षक आदि मौजूद थे.