धनबाद: पशुपालन व मतस्य मंत्री मो मन्नान मल्लिक ने मंगलवार को पशु चिकित्सालय व मेधा डेयरी का औचक निरीक्षण किया. दोनों जगहों पर मंत्री व्यवस्था से काफी नाखुश दिखे. अधिकारी अपने जवाब से उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाये. मंत्री ने पाया कि पशु चिकित्सालय में आवंटित राशि के अनुरूप दवा की खरीद नहीं होती है, राशि सरेंडर कर दी जाती है. अस्पताल के पास प्लान नहीं है. बकरी व कुक्कुट पालन के लिए योजना बनाने को कहा गया. पशुपालन अधिकारी से पूरी रिपोर्ट मंत्री ने मांगी है.
मेधा डेयरी को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी : पशु चिकित्सालय के बाद मंत्री का काफिला भूदा स्थित मेधा डेयरी पहुंचा. वहां अधिकारी समेत चार कर्मचारी हैं. चार जुलाई से ही डेयरी में दूध उत्पादन बंद है. वर्ष 2008 की 28 अक्तूबर को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने डेयरी का उद्घाटन किया था. पांच हजार लीटर दूध उत्पादन की क्षमता है. डेढ़ करोड़ की लागत से डेयरी बनी थी. केंद्र की ओर से डेयरी के विस्तार के लिए दो करोड़ 10 लाख की राशि आवंटित की गयी है.
मंत्री ने कहा कि पांच हजार लीटर जब उत्पादन नहीं हो पा रहा है तो बड़ी क्षमता में ये लोग कैसे काम कर पायेंगे. मंत्री ने प्रबंधक डीपी विद्यार्थी से कहा कि जब उत्पादन बंद है तो बैठ कर वेतन लीजिएगा. काम नहीं है तो वीआरएस ले लीजिए. मंत्री ने पशुपालन निदेशक से फोन पर बात कर निर्देश दिया कि बंद डेयरी के कर्मचारी व अधिकारी को जहां का डेयरी प्रोजेक्ट चालू है वहां पदस्थापित किया जाय. प्रोजेक्ट तैयार करें कि बंद डेयरी को निजी एजेंसी के माध्यम से कैसे चलाया जाय. मंत्री के साथ कांग्रेस नेता नरेंद्र शर्मा, बिदेश सिंह, मदन महतो, नवनीत नीरज, योगेंद्र सिंह योगी, हरेंद्र शाही, कुमार गौरव, मधुसूदन सिंह चौधरी समेत अन्य मौजूद थे.