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पहिये पर अध्यात्म व विज्ञान

धनबाद: सुनने में भले ही यह अटपटा लगे लेकिन पहिये पर अध्यात्म व विज्ञान दोनों के दर्शन हो रहे हैं. शहर में भक्तवेदांता इंस्टीट्यूट की चलती- फिरती लाइब्रेरी उत्सुकता का केंद्र बनी हुई है. लाइब्रेरी में अध्यात्म व विज्ञान के बीच के संबंधों कोपुस्तकों के माध्यम से समझाया जा रहा है. लाइब्रेरी आइएसएम भी पहुंची. […]

धनबाद: सुनने में भले ही यह अटपटा लगे लेकिन पहिये पर अध्यात्म व विज्ञान दोनों के दर्शन हो रहे हैं. शहर में भक्तवेदांता इंस्टीट्यूट की चलती- फिरती लाइब्रेरी उत्सुकता का केंद्र बनी हुई है. लाइब्रेरी में अध्यात्म व विज्ञान के बीच के संबंधों कोपुस्तकों के माध्यम से समझाया जा रहा है. लाइब्रेरी आइएसएम भी पहुंची. वहां भी छात्रों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी.

इस्कॉन की संस्था है : संस्था से जुड़े-तमाल कृष्ण दास बताते हैं- भक्तवेदांता इंस्टीट्यूट दरअसल इस्कॉन की ही एक संस्था है. इसकी स्थापना 1974 में एसी भक्तवेदांता स्वामी प्रभुपाद ने वृंदावन में की थी. उन्हें बीसवीं सदी में वैदिक संस्कृति के बड़े विचारकों में माना जाता है. उनका मानना था कि आधुनिक सभ्यता ने विज्ञान के सिद्धांतों को गलत दिशा प्रदान की है. इसे दूर करने के लिए अध्यात्म की जरूरत है. संस्था की ओर से श्रीमद् भागवत गीता व श्रीमद् भागवतम के जरिये आध्यात्मिक चेतना जगाने की पहल हो रही है.
बीएचयू में विज्ञान व अध्यात्म पर सम्मेलन : संस्थान की ओर आइएसएम के छात्रों को बताया गया कि बीएचयू में 1-2 फरवरी 2014 को विज्ञान व अध्यात्म पर सम्मेलन हो रहा है. इसमें देश भर के नामचीन संस्थान हिस्सा ले रहे हैं. सम्मेलन में इन दोनों विषयों को और ज्यादा खोज परक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. सम्मेलन में देश- दुनिया से इस विषय पर कई जाने-माने विशेषज्ञ भी हिस्सा ले रहे हैं. सम्मेलन के बारे में आइएसएम के छात्रों को भी जानकारी दी गयी.

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