धनबाद: नगर निगम में भारी पैमाने पर नियुक्ति अनियमितता का मामला सामने आया है. कम उम्रवालों को भी नौकरी दे दी गयी. योगदान के समय इनकी उम्र 16 से 17 वर्ष की थी, जबकि सरकारी मापदंड के अनुसार नियुक्ति के समय 18 वर्ष का होना जरूरी है. ऐसे पांच मामले पकड़ाये हैं. वित्त विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की सेवा पुस्त एवं निजी फाइलों की जांच में पाया गया कि कुछ विवरणी में उल्लेखित कर्मचारी अपने सेवा योगदान तिथि को अल्प व्यस्क थे. यह संवैधानिक नहीं है. अल्प व्यस्क को सेवा में नियोजित नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा कई कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बावजूद सेवा में बने हुए हैं. ऐसे सात मामले सामने आये हैं.
सेवा पुस्त एवं निजी फाइलों की की जांच में पाया गया कि मेडिकल बोर्ड/सर्टिफिकेट के आधार पर इनकी सेवानिवृत्ति हो चुकी है, फिर भी वे अपने पदों पर बने हुए हैं. उप सचिव ने संबंधित कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई करते हुए सरकार को सूचित करने का निर्देश दिया है.
सेवानिवृत्ति तिथि से अधिक भुगतान की वसूली का निर्देश: ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक मेडिकल बोर्ड या सर्टिफिकेट के आधार पर कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, फिर भी वे अपने पदों पर बने हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि राम छोटन सिंह(प्रहरी), ओम प्रकाश सिंह (टैक्स दारोगा), राम अवधेश सिंह (कनीय पर्यवेक्षक), महादेव राम(मजदूर), दुली चंद्र(सफाई निरीक्षक), दशरथ प्रसाद सहित कई कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद भी पद पर बने रहे. इनमें से कई कर्मचारी 2014-15 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि इन्हें दो वर्ष पहले ही सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए था. उप सचिव ने संबंधित कर्मचारियों से सेवानिवृत्त की तिथि से अधिक भुगतान को वसूलने का निर्देश दिया है.