केंदुआ: केंदुआडीह राजपूत बस्ती में तीन दिनों से लगातार भू-धंसान जारी है. हारू सिंह के घर के पास सोमवार को भू-धंसान के बाद बने गोफ का दायरा बढ़ता जा रहा है. इस कारण चार मकान ध्वस्त हो गये है. बीसीसीएल प्रबंधन ने आपातकालीन व्यवस्था के तहत रतन सिंह एवं देवनारायण सिंह के परिवार को अस्थायी रूप से आवास उपलब्ध कराया है.
वही कुछ परिवार पड़ोस में शरण लिए हुए है. ग्रामीणों का कहना है कि बीसीसीएल जेआरडीए दोनों ही संवेदनहीन बना हुआ है. उन्हें जनता की जान की परवाह नहीं है. लोग मौत के मुंह पर है पर उन्हें घर के लिए स्थान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. घर के नाम पर बिना दरवाजा, खिड़की के टूटे घर में रहने को कहा जा रहा है, वह कबाड़खाना है. लोग इसमें कैसे रहेंगे
सुरक्षात्मक कार्य नहीं, एनएच पर खतरा : राजपूत बस्ती धनबाद-बोकारो एनएच-32 के बगल में है. भू-धंसान स्थल पर सुरक्षात्मक कार्य जल्द शुरू नहीं हुए तो जल्द ही सड़क भी चपेट में आ जाएगी.
उपायुक्त को महाप्रबंधक ने लिखा पत्र : पुटकी बलिहारी क्षेत्र के महाप्रबंधक जेपी गुप्ता ने 30 जुलाई को जेआरडीए प्रभारी, उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर अग्नि प्रभवित राजपूत बस्ती को अविलंब खाली कराने का आग्रह किया है. उन्होंने लिखा है कि बस्ती काफी खतरनाक स्थिति में पहुंच गयी है. 197 से बस्ती में भू-धंसान हो रहा है. इन दिनों भू-धंसान की संख्या बढ़ गयी है. अब तक 15 भू-धंसान की घटनाएं हो चुकी है. अगर जल्द बस्ती को खाली नहीं कराया गया तो बड़े पैमाने पर यहां जान माल की क्षति हो सकती है.