पिछले दिनों धनबाद सेंट्रल बैंक की टीम द्वारा जांच करायी गयी, लेकिन पैक्स प्रबंधन व अध्यक्ष जांच से असंतुष्ट थे. पैक्सों ने पुन: जांच के लिए को-ऑपरेटिव एमडी से आग्रह किया था. को-ऑपरेटिव बैंक एमडी देवेंद्र सिंह ने अभिलेखों की जांच के लिए टास्क फोर्स से एक माह का समय मांगा, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
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फिर से होगी कृषि ऋण माफी घोटाले की जांच
धनबाद: 30 करोड़ के कृषि ऋण माफी घोटाले की फिर से जांच होगी. राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की रांची में हुई बैठक में फिर से जांच का आदेश दिया गया. 30 जनवरी को धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक एमडी सभी पैक्स प्रबंधक व अध्यक्ष के साथ बैठक करेंगे. 2010 से अब तक आठ एजेंसियां घोटाले की […]
धनबाद: 30 करोड़ के कृषि ऋण माफी घोटाले की फिर से जांच होगी. राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की रांची में हुई बैठक में फिर से जांच का आदेश दिया गया. 30 जनवरी को धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक एमडी सभी पैक्स प्रबंधक व अध्यक्ष के साथ बैठक करेंगे. 2010 से अब तक आठ एजेंसियां घोटाले की जांच कर चुकी है. सभी एजेंसियों ने घोटाले की पुष्टि भी की है.
85 पैक्स व 12 ब्रांचों के अभिलेखों की होगी जांच : जिले के 63 व बोकारो-चास के 22 पैक्सों के अभिलेखों की जांच होगी. इसके अलावा को-ऑपरेटिव की 12 ब्रांचों के अभिलेखों की भी जांच की जायेगी. कृषि व गैर कृषि ऋण संबंधित दस्तावेज एकत्रित कर मुख्यालय को सौंपा जायेगा.
क्या है मामला : केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 में किसानों को कृषि ऋण माफ किया था. धनबाद व बोकारो के 85 पैक्सों व को-ऑपरेटिव बैंक के किसानों को कुल 30 करोड़ 73 लाख रुपया माफ किया गया. नाबार्ड के माध्यम से 17 करोड़ 44 लाख रुपया विभिन्न पैक्सों के किसानों को दिया गया. श्ेाष राशि दूसरे चरण में दी जानी थी. ऋण माफी की प्रक्रिया चल रही थी. इसी बीच राज्य सरकार को जदयू नेता नकुल महतो के नाम से गुमनाम पत्र आया. जिमसें ऋण माफी में भारी पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का जिक्र था. गुमनाम पत्र के आधार पर जांच शुरू हुई. जांच में करोड़ों का वित्तीय अनियमितता सामने आयी.
रद्द हो सकती है को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस !
को-ऑपरेटिव बैंक लाइसेंस रद्द हो सकता है. सितंबर माह में नाबार्ड द्वारा पैक्स व बैंक के अभिलेखों की जांच करायी गयी थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा पैक्स व बैंक से ऋण माफी की राशि वापस मांगा गया था. पांच जनवरी तक डेडलाइन थी. सरकार के आदेश के बावजूद पैक्स व बैंक ने राशि नहीं लौटायी. आरबीआइ ने धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को शो कॉज करते हुए पूछा है कस्टमर लायबलिटीज को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, क्यों ना आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाये. आरबीआइ के स्पष्टीकरण से बैंक में खलबली मच गयी है.
पैक्स प्रबंधक व अध्यक्ष के आग्रह पर पुन: जांच करायी जा रही है. जांच टीम में पैक्स प्रबंधक, अध्यक्ष, ब्रांच मैनेजर, एचओ से एक अधिकारी, एकाउंटेंट व ऑडिटर को शामिल किया जायेगा. एक माह के अंदर जांच टीम को रिपोर्ट सौंपनी है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
देवेंद्र सिंह, एमडी, को-ऑपरेटिव बैंक
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