-बेटियों के बेचने के आरोप से सदमे में था-अवसाद ग्रस्त होने से बिगड़ी तबीयतसिंदरी. बेबस व बीमार विनोद श्रीवास्तव नहीं रहा. मंगलवार को उसने सिंदरी स्थित आवास संख्या 86 में आखिरी सांस ली. मृतक की तीसरी बेटी ज्योति श्रीवास्तव ने मुखाग्नि दी. अंंतिम संस्कार डोमगढ़ स्थित दामोदर नदी घाट पर हुआ. टेंपो चला अपनी सात बेटियों व पत्नी की परवरिश करने वाला विनोद श्रीवास्तव गंभीर रूप से बीमार था. अपने इलाज व परिवार का खर्च चलाने के लिए उसे टेंपो तथा घर के अन्य सामान बेचने पड़े थे. बाद के दिनों में आजीविका व दवा-दारू के लिए अपनी बेटियों को दूसरों के घरों में काम करने के लिए भेजना विनोद के लिए जैसे कोई बड़ा अपराध बन गया. उसके बारे में तरह-तरह की बातें की जाने लगीं. बीते माह उसके जीवन में ऐसा वाकया पेश आया, जिससे वह पूरी तरह अवसाद ग्रस्त हो गया. क्या कहना था बेटी ज्योति का विनोद की बीवी छोटी बेटी के साथ बहुत पहले घर छोड़ कर जा चुकी थी. बेटी ज्योति ने बताया कि इन वजहों से उसके पिता सदमे में थे. बीमारी ने और परेशान कर रखा था. अपने बारे में ऊल-जलूल बातें सुन काफी मर्माहत थे. कहा कि जब उसके पिता पर अपनी ही बेटियों के बेचने का आरोप लगा, तो उनकी तबीयत और बिगड़ गयी. अंत में मौत हो गयी. ज्योति ने बेटा का फर्ज निभाते हुए पिता को अंतिम विदाई दी. इस दौरान विनोद के जानने वाले मौके पर मौजूद थे.
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नहीं रहा बीमार व बेबस पिता, बेटी ने दी मुखाग्नि
-बेटियों के बेचने के आरोप से सदमे में था-अवसाद ग्रस्त होने से बिगड़ी तबीयतसिंदरी. बेबस व बीमार विनोद श्रीवास्तव नहीं रहा. मंगलवार को उसने सिंदरी स्थित आवास संख्या 86 में आखिरी सांस ली. मृतक की तीसरी बेटी ज्योति श्रीवास्तव ने मुखाग्नि दी. अंंतिम संस्कार डोमगढ़ स्थित दामोदर नदी घाट पर हुआ. टेंपो चला अपनी सात […]
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