अदालत ने तीनों सजायाफ्ता को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. मनीरुद्दीन अंसारी नामक सजायाफ्ता आठ वर्ष पूर्व से ही एक दूसरे हत्या के मामले में जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में सजा काट रहा है. पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच उसे अदालत में उपस्थापन कराया. फैसला सुनाये जाने के वक्त एपीपी कंसारी मंडल अदालत में मौजूद थे. उन्होंने विचारण के दौरान दस गवाहों का परीक्षण कराया.
Advertisement
रफीक हत्याकांड में तीन को उम्रकैद
धनबाद: टुंडी थाना क्षेत्र के कोपली गांव निवासी रफीक अंसारी हत्याकांड में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय अशोक कुमार पाठक की अदालत ने महुआटांड़ निवासी गफूर अंसारी, सोभानी मियां व जेल में बंद मनीरुद्दीन अंसारी को भादवि की धारा 302, 201, 34 में दोषी पाकर भादवि की धारा 302 में उम्र कैद […]
धनबाद: टुंडी थाना क्षेत्र के कोपली गांव निवासी रफीक अंसारी हत्याकांड में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय अशोक कुमार पाठक की अदालत ने महुआटांड़ निवासी गफूर अंसारी, सोभानी मियां व जेल में बंद मनीरुद्दीन अंसारी को भादवि की धारा 302, 201, 34 में दोषी पाकर भादवि की धारा 302 में उम्र कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना, वहीं भादवि की धारा 201 में पांच वर्ष की कैद व 2 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. दोनों सजा एक साथ चलेगी.
क्या है घटना : 24 सितंबर 2001 को जब ताहिर अंसारी अपने पिता रफीक अंसारी के साथ धान का खेत देखने गये थे, तभी आरोपियों ने रफीक को पकड़ कर भुजाली से गोद कर मार डाला तथा शव को जंगल में फेंक दिया. तीन दिनों के बाद पुलिस ने शव को जंगल से बरामद किया. घटना के बाद मृतक के पुत्र ताहिर अंसारी ने टुंडी थाना में कांड संख्या 47/01 दर्ज कराया. आइओ पशुपति राय ने आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. अदालत ने 17 जनवरी 06 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किया. यह मामला एसटी केस नंबर 245/03 से संबंधित है.
सुधीर सिंह हत्याकांड
सुधीर सिंह हत्याकांड में गैरआरोपित हाउसिंग कॉलोनी निवासी बिट्ट सिंह उर्फ अभिजीत सिंह द्वारा दायर घरेलू सामग्री को मुक्त करने के आवेदन पर सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडाधिकारी अनूप तिर्की की अदालत में हुई. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जया कुमार ने अदालत को बताया कि 8 जनवरी 15 को बिट्ट सिंह ने पुलिस द्वारा कुर्क की गयी घरेलू सामग्री को मुक्त करने का आवेदन दिया था. सुनवाई के बाद अदालत ने बरवाअड्डा थाना से रिपोर्ट की मांग की. लेकिन थाना ने रिपोर्ट अदालत नहीं भेजी. विदित हो कि केस के आइओ ने बिट्ट के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट, इश्तेहार व कुर्की जब्ती आदेश के लिए अदालत में आवेदन किया था. अदालत ने उसके आवेदन को स्वीकृत करते हुए कुर्की का आदेश निर्गत किया. पुलिस दबिश के बाद बिट्ट सिंह उर्फ अभिजीत सिंह ने 28अगस्त 14 को अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत अर्जी दायर की. लेकिन अदालत ने उसे कस्टडी में नहीं लिया. इसमें केस के आइओ अजय कुमार पंजियार ने विकास सिंह को फरार दिखाते हुए राहुल सिंह , प्रीतम सिंह, जेल में बंद सनोज मालाकार व रौशन सिंह के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. इन सबों का केस का विचारण प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में एसटी केस नंबर 319/14 चल रहा है. अपराधियों ने सुधीर सिंह की हत्या एक जनवरी 13 को कर दी थी. यह मामला बरवाअड्डा थाना कांड संख्या 484/13 से संबंधित है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement