धनबाद: यूपीएससी एग्जाम में कामयाब दोनों युवकों ने बड़े और दूसरे अर्थो में महंगे स्कूलों में पढ़ाई नहीं की है. झरिया के मृत्युंजय वर्णवाल ने तो स्कूलिंग जिला स्कूल धनबाद से की. जबकि चंद्रमोहन सिंह ने इंटर तक की पढ़ाई आइएसएल आइएसएम एनेक्सी से की. इसके बाद उन्होंने बीसीए एवं एमसीए इग्नू से किया. फिर इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी नयी दिल्ली से एम टेक किया. इससे उन बच्चों को प्रेरणा मिल सकती है जो साधारण स्कूलों में पढ़ रहे हैं. इसके साथ ही धनबाद की माफिया नगरी की छवि भी लगातार बदल रही है.
क्योंकि यहां के बच्चे लगातार विभिन्न क्षेत्रों में कामयाबी का झंडा गाड़ रहे हैं. इनमें से अधिकतर मिडिल क्लास के हैं. इनकी कामयाबी से यह गलतफहमी भी दूर हो रही है कि कुछ अच्छा करने के लिए मोटी फीस वाले स्कूलों में प्रारंभ से ही पढ़ाई जरूरी है. खुद कामयाब छात्र मानते हैं कि घरवालों के सहयोग और कुछ करने के जज्बे ने ही उन्हें कामयाबी दिलायी है.
झरिया का मृत्युंजय पांच भाई व दो बहन है. पिता व मां सहित परिजन मृत्युंजय की सफलता पर काफी खुश है. मृत्युंजय ने फोन पर बातचीत में बताया कि एआइइइइ में झारखंड में 2007 में उसने 93 वां स्थान प्राप्त किया था. मैट्रिक की परीक्षा जिला स्कूल धनबाद से 70 प्रतिशत, आइएससी की परीक्षा आरएसपी कॉलेज से 78 प्रतिशत अंक से पास हुआ था.
उसने बताया कि उसकी सफलता का श्रेय मां -पिता के अलावा चार भाई , दो बहन व दो जीजा जी को जाता है, जिन्होंने समय-समय पर हौसला अफजाई की. श्री वर्णवाल ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में मित्र चंदन कुमार (झारखंड में आइपीएस) और मॉडल स्कूल (राजबाड़ी) के प्राचार्य एचएन पांडेय ने काफी मदद की थी. मृत्युंजय ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर दिल्ली से धनबाद आयेगा. उसकी सफलता पर मां कंचन देवी , भाई अजय कुमार वर्णवाल, संजय कुमार वर्णवाल, धनंजय कुमार वर्णवाल, जीजा जय प्रकाश नारायण, नवीन कुमार वर्णवाल, बहन सुधा वर्णवाल, विद्या वर्णवाल, सभी भाभी व भतीजा व भतीजी ने बधाई दी है और उज्जवल भविष्य की कामना की है.