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गोविंदपुर पुलिस के खिलाफ आदिवासी समाज में गुस्सा

धनबाद: गोविंदपुर पुलिस के रवैये से आदिवासी समाज गुस्से में है. अपहरण कर दुष्कर्म की कोशिश की प्राथमिकी दर्ज कराने के नौ दिन बाद भी अभी तक आरोपी पकड़ा नहीं गया है. और तो और पीड़ित पक्ष से समझौते का प्रयास किया जा रहा है. स्थिति के कभी भी बिगड़ने का खतरा है. शुक्रवार को […]

धनबाद: गोविंदपुर पुलिस के रवैये से आदिवासी समाज गुस्से में है. अपहरण कर दुष्कर्म की कोशिश की प्राथमिकी दर्ज कराने के नौ दिन बाद भी अभी तक आरोपी पकड़ा नहीं गया है. और तो और पीड़ित पक्ष से समझौते का प्रयास किया जा रहा है. स्थिति के कभी भी बिगड़ने का खतरा है. शुक्रवार को समाज की फुफवाडीह गांव में बैठक होगी और प्रतिनिधिमंडल एसपी से मिलेगा. मंगलवार को तरूण हिंदू संगठन के डॉ एनएम दास समेत अन्य लोग आदिवासी लड़की व उसके माता-पिता से मिले. पीड़ित परिवार को सांत्वना दी गयी.

क्या है मामला : लड़की के पिता मोती राम सोरेन (बदला हुआ नाम) के अनुसार 14 जुलाई को शाम सात बजे उसने बरवा के पास टेंपो में अपनी बेटी, पत्नी व बेटा को बैठाया. टेंपो का नंबर जेएच-10-एजे-4346 है, जिसे उसने कागज पर लिख लिया था. टेंपो पंद्रह मिनट तक बरवा में रुका रहा, फिर आगे बढ़ा. हालांकि वह सभी को टेंपो में बैठा कर फुफवाडीह गांव के लिए साइकिल से रवाना हो चुके थे.

मोती राम की 18 वर्षीया बेटी ने बताया कि फुफवाडीह के पास जब टेंपो पहुंचा तो उसने चालक को रोकने के लिए कहा. चालक ने एक न सुनी. टेंपो चालक के बगल में उसका एक साथी भी था. लड़की ने हिम्मत दिखायी और चालक को पीछे से कॉलर पकड़ कर झटका दिया. उसने फिर भी गाड़ी नहीं रोकी. उसके बाद वह किसी तरह चलती गाड़ी से कूद पड़ी. उसके बाद मां व भाई को उतारा. सभी चलती गाड़ी से कूदे. चालक की योजना अपहरण कर दुष्कर्म करने की थी.

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