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नन बैंकिंग के एजेंटों ने मैनेजर का घर घेरा

मुगमा: स्काइलाइन फॉच्यरून इंटरनेशनल लिमिटेड नामक नन बैंकिंग कंपनी गया व उसके आसपास के लोगों से करोड़ों रुपया लेकर चंपत हो गयी है. नन बैंकिंग में काम करने वाले लगभग एक दर्जन एजेंटों ने रविवार को कंपनी के ब्रांच हेड संजय मिश्र के एग्यारकुंड आवास पर जमा होकर जमकर हंगामा किया. श्री मिश्र के घर […]

मुगमा: स्काइलाइन फॉच्यरून इंटरनेशनल लिमिटेड नामक नन बैंकिंग कंपनी गया व उसके आसपास के लोगों से करोड़ों रुपया लेकर चंपत हो गयी है. नन बैंकिंग में काम करने वाले लगभग एक दर्जन एजेंटों ने रविवार को कंपनी के ब्रांच हेड संजय मिश्र के एग्यारकुंड आवास पर जमा होकर जमकर हंगामा किया. श्री मिश्र के घर में नहीं होने की सूचना पर एजेंट वापस चले गये. कंपनी पर कुमारधुबी ओपी में पूर्व से ही मामला दर्ज है.
क्या कहते हैं निवेशक : एजेंटों का कहना है कि श्री मिश्र ने सिकड़ीपाड़ा, किशोरी मोहन क ॉम्प्लेक्स, गली नं.-3, सुभाष इंटरनेशनल स्कूल के पास गिरजा मिश्र के घर में शाखा कार्यालय खोला. इसके मैनेजर मुकेश साव थे. इसी शाखा के यहां पहुंचे एजेंट आमस, गया के प्रदीप कुमार 25 लाख व केदार प्रजापति एक लाख, धर्मेद्र प्रजापति, परैया, गया 35 लाख, बांके बाजार गया के डॉ नईम, 3 लाख, राजेंद्र प्रसाद, 15 लाख व राम ईश्वर पासवान 6 लाख, लक्ष्मण प्रजापति, मदनपुर, औरंगाबाद 7 लाख, दुल्हिन बाजार, पटना डॉ सतीश कुमार सिंह, 10 लाख व ब्रजेश कुमार 7 लाख, मिठानी बोधगया के शंकर मांझी 6 लाख व रामप्रवेश चौधरी ने 65 लाख रुपये इस कंपनी में निवेश करवाया था. इसके अलावा एग्यारकुंड के विद्यानंद साव ने 21 लाख कंपनी में निवेश कराया था. एजेंटों को यह झांसा दिया गया था कि 2010 में तीन वर्ष में रकम दुगुना हो जायेगी. इसी बात पर उन लोगों से कंपनी में निवेश कराया, परंतु कंपनी ने मैच्युरिटी देने से पूर्व अक्तूबर, 2013 में शाखा कार्यालय बंद कर दिया. इसके बाद भी वे कंपनी में श्री मिश्र के आग्रह पर पैसा निवेश कराते रहे.
गायब था प्रबंधक
एजेंटों के अनुसार, कंपनी का कार्यालय गोह, दुल्हिन बाजार व बिहटा पटना, औरंगाबाद आदि जगहों पर खोला गया था. जब कार्यालय बंद हो गया, तब वे श्री मिश्र के पता पर आज यहां पहुंचे. यहां पता चला कि वह घर से गायब है. कहा, जब भी वे लोग मिश्र से संपर्क करते हैं, तब-तब गायब ही मिलते हैं. इधर निवेशक उनलोगों का घर में रहना दूभर कर दिये हैं. वे किसी भी सूरत में अपना पैसा वापस मांग रहे हैं.
कुमारधुबी में भी है मामला दर्ज
जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में ही कंपनी के मैथन मोड़ कार्यालय को सील किया जा चुका है. यह कार्रवाई 14 फरवरी, 2013 को की गयी थी. इसके बाद से कंपनी के सभी एजेंट, डायरेक्टर आदि गायब हो गये.

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