धनबाद: धनबाद के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम आरएन तिवारी की अदालत में शुक्रवार को चर्चित प्रमोद सिंह हत्या कांड की सुनवाई हुई. अदालत में आरोपी रणविजय सिंह, कशमीरा खां, हीरा खान, एमपी खखार, अयुब खान व सैयद अरसद अली हाजिर थे. जबकि एक अन्य आरोपी संतोष सिंह गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने अदालत में दप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. आरोपी स्व.सुरेश सिंह (कोयला व्यवसायी व कांग्रेसी नेता) की मौत 8 दिसंबर 2011 को हुई थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक ट्रांसफर पिटीशन (क्रिमिनल ) 449/11 दायर कर केस को धनबाद न्यायालय से बाहर ट्रांसफर करने का आग्रह किया था.
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद उक्त याचिका 23 अप्रैल 2013 को खारिज कर दी. यह मामला एसटी केस नंबर-21/08 से संबंधित है. सीबीआइ के इंस्पेक्टर सुरेश चंद ने 26 सितंबर 2011 को अदालत में एक आवेदन देकर आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय करने का आग्रह किया था. अदालत में अब इस मामले की सुनवाई 4 सितंबर 13 को होगी. विदित हो कि 3 अक्तूबर 2003 को बनारस से ट्रेन द्वारा धनबाद आकर निजी गाड़ी से घर जाने के क्रम में धनसार शिव मंदिर के पास सड़क पर अपराधियों ने प्रमोद सिंह को गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी. धनसार पुलिस ने इस घटना में धनबाद (धनसार) थाना कांड संख्या -638/03 दर्ज किया था. बाद में इस मामले की जांच सीबीआइ ने की. 12 दिसंबर 03 को आरोपियों के खिलाफ आरसी 11(एस)/03 दर्ज किया.
सास, ससुर व पति को सात वर्ष की कैद
दहेज हत्या के एक मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश षष्टम राम शर्मा की अदालत ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए टाटा सिजुआ रूसी बिहार कॉलोनी निवासी आरोपी पति कृष्ण कुमार विश्वकर्मा, सास पार्वती देवी व ससुर (टिस्को कर्मी) सीताराम विश्वकर्मा को भादवि की धारा 304 बी में सात साल की कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अदालत ने आरोपियों को 12 जुलाई को ही दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. अभियोजन की ओर से एपीपी धनंजय सिंह ने पैरवी की. अभियोजन ने केस में ग्यारह गवाहों की गवाही करायी.
मारपीट व चोरी के मामले में दो गये जेल
झरिया पुलिस ने मारपीट व चोरी के एक मामले में आरोपित झरिया निवासी पारसनाथ केसरी व सूरज केसरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. केस की वादी अंजनी देवी ने अपने अधिवक्ता मनीष केसरी के मार्फत अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सीपी केस -1571/13 दर्ज करायी थी. अदालत ने उक्त सीपी केस की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कांड दर्ज करने का आदेश दिया था. यह मामला झरिया थाना कांड संख्या 273/13 से संबंधित है.
फर्जीवाड़ा में आरोपित को बेल नहीं
सीओ का फर्जी हस्ताक्षर कर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने के मामले में आरोपी उत्तम मंडल की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई न्यायिक दंडाधिकारी आरके सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत ने पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.