संवाददाता, धनबाद रेलवे में सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है. बिजली बचाने के लिए रेलवे अपने कार्यालय, स्टेशन व अन्य स्थानों में कुछ माह के अंदर एलइडी लाइट लगाने जा रही है. इससे एक तरफ अच्छी रोशनी मिलेगी, वहीं दूसरी ओर प्रतिमाह करोड़ों रुपयों की बचत होगी. रेलवे ने पहले ही सभी क्वार्टरों में कम बिजली खपत करने का निर्देश दिया है. क्वार्टरों में बिजली के मीटर भी लगा दिये गये हंै. अब रेल कर्मियों के क्वार्टरों में जितनी बिजली की खपत होगी, उस हिसाब से उन्हें बिजली बिल देना पड़ेगा. बिजली की ज्यादा खपत स्टेशन, डीआरएम भवन व अन्य छोटे-बड़े कार्यालय में होती है. रेलवे प्रशासन ने बिजली उपकरण खरीदारी का टेंडर पिछले कई माह से बंद कर दिया है. बल्ब, सीएफएल, ट्यूब लाइट आदि की खरीदारी नहीं हो रही है. प्रतिवर्ष करोड़ों का बिल देता है रेलवेधनबाद रेल मंडल प्रतिवर्ष लगभग 30 करोड़ रुपया बिजली बिल मद में भरता है. इसमें ट्रैक्शन का बिल शामिल नहीं है. मंडल में प्रतिमाह तीन करोड़ यूनिट बिजली की खपत होती है. इसमें लाइट, पंप, मोटर, कार्यालय, स्टेशन व क्वार्टर में बिजली जलती है. जबकि ट्रैक्शन लाइन को अलग रखा गया है. एलइडी लाइट लगने के बाद बिजली बिल में काफी कमी होगी और रेलवे को बिजली बिल कम चुकाना पड़ेगा.
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एलइडी लाइट से रौशन होगा रेलवे
संवाददाता, धनबाद रेलवे में सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है. बिजली बचाने के लिए रेलवे अपने कार्यालय, स्टेशन व अन्य स्थानों में कुछ माह के अंदर एलइडी लाइट लगाने जा रही है. इससे एक तरफ अच्छी रोशनी मिलेगी, वहीं दूसरी ओर प्रतिमाह करोड़ों रुपयों की बचत होगी. रेलवे ने पहले ही सभी क्वार्टरों में […]
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