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लिलटेन अंगारपथरा में फिर फटी धरती

सिजुआ: कतरास क्षेत्र की अंगारपथरा कोलियरी के डेंजर जोन के रूप में चिह्नित लिलटेन अंगारपथरा में गुरुवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे जोरदार आवाज के साथ धरती फट गयी. भारी मात्र में गैस रिसाव होने लगी. लोग घरों से निकल कर इधर-उधर भागने लगे. हालांकि किसी की जान-माल की क्षति नहीं हुई है. भू-धंसान की […]

सिजुआ: कतरास क्षेत्र की अंगारपथरा कोलियरी के डेंजर जोन के रूप में चिह्नित लिलटेन अंगारपथरा में गुरुवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे जोरदार आवाज के साथ धरती फट गयी. भारी मात्र में गैस रिसाव होने लगी. लोग घरों से निकल कर इधर-उधर भागने लगे. हालांकि किसी की जान-माल की क्षति नहीं हुई है.

भू-धंसान की चपेट में आधा दर्जन से अधिक आवास आ गये हैं. उनमें दरारें पड़ गयी हैं, जो कभी-भी धराशायी हो सकते हैं. लोग कड़ाके की ठंड में भी खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं. सूचना पाकर बाघमारा डीएसपी विनोद कुमार गुप्ता, कतरास इंस्पेक्टर भगवान दास, अंगारपथरा थानेदार श्रीनिवास पासवान व कोल अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया.

दर्जनों आवास पहले हो चुके हैं जमींदोज

गत 15 नवंबर को लिलटेन अंगारपथरा में दो दर्जन से अधिक आवास जमींदोज हो चुके हैं. घटना के बाद यहां काफी हो-हंगामा भी हुआ था. तब बीसीसीएल प्रबंधन ने प्रभावितों को जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर कतरी नदी किनारे मजार के पास टेंट लगा कर अस्थायी तौर पर रहने दिया. बाद में यहां रह रहे लोगों को भूमि आवंटित करते हुए आवास बनाने का निर्देश दिया. इस घटना के बाद राज्य के मुख्य सचिव ने उपायुक्त को घटना की विस्तृत जांच का निर्देश दिया था. इसकी जांच अभी चल ही रही थी कि यह घटना घट गयी.

क्या कहता है प्रबंधन

कोलियरी के पीओ एस चटर्जी ने बताया कि प्रभावित परिवारों की सूची बनायी जा रही है. पहले भी कुछ प्रभावितों को मुआवजा दिया गया है, जो बाकी बचे हैं, उन्हें भी मुआवजा दिया जायेगा. सामान ढोने के लिए वाहन उपलब्ध करा दिया गया है. इलाका डेंजर जोन में है. इसे अविलंब खाली कराया जाना चाहिए.

खरमास में नहीं जाना चाहते है लोग

थानेदार श्रीनिवास पासवान ने बताया कि 15 नवंबर को घटी घटना के बाद प्रशासन की ओर से पूरी बस्ती में घूम-घूम कर लोगों को अपने-अपने आवास खाली करने के लिए कहा जा चुका है. मगर कुछ लोग खरमास की बात कह कर यहां से जाना नहीं चाह रहे हैं.

यहां भी हो सकता है हादसा

डीजीएमएस व बीसीसीएल के सर्वे विभाग के अनुसार सिजुआ व कतरास क्षेत्र के कई इलाके डेंजर जोन के रूप में चिह्नित हैं. यदि उक्त इलाकों को खाली नहीं कराया गया तो कभी-भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है. खासकर सिजुआ क्षेत्र क ा मोदीडीह 22/12, कतरास क्षेत्र के माली धौड़ा आग व गैस की चपेट में है. यहां अब-तक मंदिर, मसजिद जमींदोज हो चुके हैं.

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