धनबाद: सिटी बस चलाने की कवायद फिर से शुरू हो गयी है. टेंडर का प्रारूप तैयार कर लिया गया है. चुनाव के बाद टेंडर निकाला जायेगा. नगर आयुक्त एके बंका ने बताया कि अब सिटी बस नो लॉस नो प्रॉफिट पर चलायी जायेगी. जो कंपनी इच्छुक होगी, बस उन्हें सौंपी जायेगी. पूर्व में पांच सौ रुपये प्रति दिन की दर से सिटी बस चलाने का निर्णय लिया गया था.
दो बार टेंडर भी निकाला गया. लेकिन किसी कंपनी ने टेंडर में भाग नहीं लिया. लिहाजा नो लॉस नो प्रॉफिट पर बस चलाने का निर्णय लिया गया है. टेंडर में किराया, स्टॉपेज व रूट चार्ट का भी जिक्र होगा. जनवरी में सिटी बसों का परिचालन शुरू होगा.
पहले चरण में 40 बसों का होगा टेंडर : पहले चरण में 40 सिटी बसों का टेंडर होगा. इसके बाद 35 बसों का टेंडर किया जायेगा. 40 किलोमीटर की परिधि में बसों का परिचालन होगा. परिचालन से लेकर मेंटेनेंस की पूरी देखरेख संबंधित कंपनी की होगी. बीस और नयी बस मंगायी जा रही है. इसका भी टेंडर निकाला जायेगा.
दो मिनट से अधिक नहीं होगा स्टॉपेज : बसों की समय सारणी होगी. गाड़ी खाली हो या भरी हो, दो मिनट से अधिक स्टॉपेज नहीं होगा. अगर दो मिनट से अधिक गाड़ी का स्टॉपेज हुआ तो संबंधित कंपनी पर जुर्माना लगेगा. इसलिए सभी बसों में जीपीआरएस सिस्टम लगाया जा रहा है.
2010 में शुरू हुआ था परिचालन : तामझाम के साथ 9 अगस्त 2010 में नगर बस सेवा शुरू हुई. प्रथम चरण में 24 बसें शुरू की गयी. भूतपूर्व कल्याण समिति की देखरेख में बसें चली. लेकिन दो माह के अंदर समिति ने हाथ खड़े कर दिये. इसके बाद जेटीडीसी (झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) ने बस संचालन की बागडोर संभाली. 70 में पांच बसें देवघर भेजी गयी. 65 में मुश्किल से 35-40 बसों का संचालन हो रहा था. धीरे-धीरे इसकी संख्या घट कर दस पहुंच गयी.