झरिया: झरिया पुलिस के समक्ष जिस किशोरी ने अपनी फुआ पर गंभीर आरोप लगाये थे, पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय उन हाथों में ही उसे सौंप दिया. पुलिस की यह कार्यशैली सवालों के घेरे में है.
एक टेंपो चालक ने लड़की को बुरी नजर से बचाने के लिए गुरुवार की रात उसे झरिया पुलिस के हवाले किया था, आज उसने आरोपों की बिना जांच किये आरोपियों के सुपुर्द कर दिया. दरअसल बीती रात 13 वर्षीया इस लड़की को टेंपो चालक ने झरिया से धनबाद स्टेशन छोड़ा था. वहां टेंपो का भाड़ा मांगने पर लड़की बोली कि उसके पास पैसे नहीं हैं.
चालक के अनुसार, वह कुछ देर के लिए सोच में डूब गया. लड़की से पूछा कि पैसे हैं नहीं, फिर वह कहां जायेगी? जवाब में उसने दिल्ली अपने पिता के पास जाने की बात कही. टेंपो चालक को समझते देर नहीं लगी कि लड़की घर से भागी है. उसने बुरी नजर वालों से बचाने के लिए पुलिस को सौंपना मुनासिब समझा.
किशोरी के पैर में था जलने का निशान
पुलिस के अनुसार, टेंपो चालक लड़की को लेकर झरिया थाना पहुंच गया. वहां लड़की ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह झरिया के लोवर चौथाई कुल्ही में अपनी फुआ के पास एक वर्ष से रह रही है. उसके पिता दिल्ली में काम करते हैं. किशोरी छठी क्लास में पढ़ती है. बकौल किशोरी, उसकी फुआ अक्सर मारती-पीटती है. उसने बदन को जला भी दिया है. किशोरी ने अपना जला हुआ पैर पुलिस को दिखाया. संगीन आरोप में कहा कि उसका फुफेरा भाई उस पर गलत नीयत रखता है. पूरे मामले में झरिया थानेदार विष्णु रजक ने कहा कि लड़की को उसकी फुआ को सौंप दिया गया है. साथ ही पिता को इसकी सूचना दे दी गयी है. थानेदार ने पूछताछ के बाद टेंपो चालक को छोड़ दिया. लड़की का पिता दिल्ली से चल चुका है. आरोपित का पक्ष लेने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उससे बात नहीं हो सकी.