जल सफाई की सस्ती तकनीक पर आइएसएम में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरूवरीय संवाददाता धनबाद. धनबाद सहित झारखंड के अन्य माइनिंग इलाके में पेयजल की विकट समस्या का समाधान कोलियरी के पीट वाटर से ही संभव है. इससे न केवल ग्राउंड वाटर की बचत होगी, बल्कि भारी मात्रा में उपलब्ध पीट वाटर को काफी कम खर्च में साफ कर पेयजल के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है. यह जानकारी आइएसएम पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के प्रो एसके गुप्ता ने दी. वह अपने विभाग की ओर से इडीसी हॉल में एसेसमेंट ऑफ वाटर क्वालिटी एंड लो कॉस्ट ट्रीटमेंट मैथड फॉर रूलर वाटर सप्लाई विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उद्घाटन मुख्य अतिथि डीएन (एकेडमी एंड रिसर्च) प्रो जी उदयभानु ने किया. उन्होंने ग्राउंड वाटर को सुरक्षित रखने के लिए कोलियरी इलाके पीट वाटर के उपयोग को जरूरी बताया. मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो एसके मैती तथा को-ऑर्डिनेटर प्रो एसके गुप्ता ने पीट वाटर की सफाई की सस्ती तकनीकी के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. समारोह में प्रो एके पाल, डॉ आलोक सिन्हा एवं बृजेश मिश्रा ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के तत्वावधान में केआरसी ( की रिसोर्स स्कीम) के तहत आयोजित की जा रही है. कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक स्वच्छता मंत्रालय संध्या सिंह, माडा के टीएम प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे.
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कोलियरी क्षेत्र में जल संकट का निदान पीट वाटर से संभव : उदयभानु
जल सफाई की सस्ती तकनीक पर आइएसएम में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरूवरीय संवाददाता धनबाद. धनबाद सहित झारखंड के अन्य माइनिंग इलाके में पेयजल की विकट समस्या का समाधान कोलियरी के पीट वाटर से ही संभव है. इससे न केवल ग्राउंड वाटर की बचत होगी, बल्कि भारी मात्रा में उपलब्ध पीट वाटर को काफी कम […]
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