बजट को लेकर धनबाद रेल मंडल ने बोर्ड में भेजा था प्रस्ताव
दिल्ली, बेंगलुरु सहित कई स्थानों के लिए मांगी गयी थी ट्रेन
धनबाद : धनबाद रेल मंडल देश के गिने-चुने प्रमुख रेल मंडल में आता है. पिछले वित्तीय वर्ष (2018-19) में धनबाद रेल मंडल ने लोडिंग में 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक राजस्व केंद्र सरकार को दिया. इस वर्ष (2019-20) भी जनवरी माह तक धनबाद रेल पूरे इंडियन रेलवे में पहले पायदान पर है. इसके बावजूद शनिवार को पेश आम बजट में धनबाद रेल मंडल की झोली खाली रह गयी. नयी ट्रेन नहीं मिलने से धनबाद की जनता में मायूसी है. दूसरे प्रदेश से धनबाद आने वाले यात्रियों को दूसरे रेल मंडल पर भरोसा करना पड़ रहा है.
इंडियन रेलवे ने मांगा था प्रस्ताव
आम बजट में रेल बजट भी पेश किया जाता है. इस बार बजट पेश करने के पहले इंडियन रेलवे ने सभी जोन व डिवीजन से प्रस्ताव मांगा था. इसमें धनबाद रेल मंडल ने धनबाद से एलेप्पी जाने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस को फुल रैक चलाने, धनबाद से दिल्ली की सीधी ट्रेन, धनबाद से मुंबई, धनबाद से बेंगलुरू की ट्रेन मांगी थी.
साथ ही धनबाद से हजारीबाग टाउन के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस व धनबाद से वाया गोमो-गया-पटना के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस की मांग की गयी थी. इसके अलावा धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर को फिर से चलाने व रांची न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस को धनबाद के रास्ते फिर से चलाने का प्रस्ताव बोर्ड भेजा गया था, लेकिन एक भी डिमांड पूरी नहीं हुई. धनबाद के लोग सरकार के रवैये से मायूस हैं.