धनबाद: स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता व बेखबर प्रशासन के चक्कर में दो वर्षीय खुशी को लेकर उसके माता पिता दस माह माह से ऑफिस-ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन मासूम खुशी का इलाज अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. मंगलवार को खुशी के माता-पिता प्रेस क्लब पहुंचे. लोयाबाद से आये पिता शिवा चौहान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ लाख की जगह इलाज के लिए चालीस हजार दिया. ऐसे में कैसे इलाज हो सकता है.
हाइड्रोसेफलस से पीड़ित है खुशी : खुशी आम बच्चों की तरह नहीं है. उसका सिर हर दिन कुछ न कुछ बड़ा होता जा रहा है. कोलकाता में जांच कराने के बाद चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची को हाइड्रोसेफलस (जलशीर्ष) नामक बीमारी है.
फिर से आवेदन करें परिजन : सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा ने बताया कि यदि पैसे कम हैं, तो परिजन फिर से आवेदन कर सकते हैं. स्वास्थ्य समिति व बोर्ड की बैठक में अलग से इलाज के लिए व्यवस्था की जा सकती है.