एसएसओ की शिकायत पर आठ छात्रों को मिली झाड़ू लगाने से लेकर गरीब बच्चों को पढ़ाने की सजा
धनबाद : आइआइटी आइएसएम प्रबंधन ने रात में कैंपस में देर से एंट्री करने वाले छात्र-छात्राओं को अलग तरीके सबक सिखाना शुरू किया है. अब ऐसे छात्र-छात्राओं को संस्थान में उनकी गलती के अनुसार कम्युनिटी सर्विस देनी होगी. सजा की अवधि छात्रों की गलती के स्तर के अनुसार तय की जाती है. ऐसे विद्यार्थियों की पहचान करने की जिम्मेदारी संस्थान के सीनियर सेक्युरिटी ऑफिसर राम मनोहर को सौंपी गयी है. अब तक आठ छात्रों को ऐसी सजा दी जा चुकी है.
मिलती है दो तरह की सजा : कम्युनिटी सर्विस के तहत देर से कैंपस में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राओं को दो तरह की सजा दी जाती है. किस छात्र को कौन सी सजा दी जायेगी यह संस्थान का सेंटर फॉर सोसाइटीयल मिशन तय करता है. सजा के तहत छात्रों को कैंपस में पांच से 10 घंटे तक झाड़ू लगाने या संस्थान के छात्रों की संस्था कर्तव्य और कर्मज्योति द्वारा गरीब बच्चों के लिए संचालित स्कूलों में क्लास लेने को कहा जाता है. दोषी छात्रों को एक माह के अंदर सजा पूरी करनी होगी.
प्रबंधन छात्रों को ऐसी सजा के माध्यम से उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना चाहता है. इससे पहले छात्रों से इस तरह की गलती के लिए फाइन लिया जाता था. दूसरी ओर सजा के इस तरीके का खौफ छात्रों में स्पष्ट देखा जा रहा है. रात में कैंपस में देर से प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी आ गयी है.