धनबाद: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण में सरकार द्वारा हर राज्य को आइआइटी-आइआइएम देने की घोषणा से आइएसएम में खुशी की लहर दौड़ गयी है. यह आशा जगी है कि आइएसएम को आइआइटी का टैग मिलने की चिर प्रतीक्षित मांग शीघ्र पूरी होने वाली है. संस्थान के छात्र-छात्राओं ने धनबाद, रांची से लेकर दिल्ली तक आइएसएम टू आइआइटी की मुहिम चलायी थी.
उनका आंदोलन रंग लाया. लोकसभा चुनाव में भी भाजपा अपनी चुनावी सभा में आइएसएम को आइआइटी का दर्जा देने का वादा करती रही थी, सरकार बनने के बाद वादा पूरा होने के संकेत भी दिये हैं.
क्या है आइएसएम टू आइआइटी की स्थिति
पर्याप्त शिक्षक, आधारभूत संरचना व संसाधन के आधार पर झारखंड विधानसभा में इस योजना को कब की मंजूरी मिल चुकी है.
दो सौ से अधिक सांसद इसके समर्थन में पिछली सरकार के केंद्रीय शिक्षामंत्री को इसके लिए पत्र लिखा था.
योजना आयोग ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना में भी इसे शामिल कर लिया है.
19-20 जनवरी को आइआइटी एकेडमी काउंसेलिंग की एक्सपर्ट कमेटी आइआइटी टैग के मुद्दे पर आइएसएम का दौरा कर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है.
28 दिसंबर 2013 को रांची में नरेंद्र मोदी ने पार्टी की रैली में भी भाजपा की सरकार आने पर आइआइटी का टैग देने का वादा किया था.