धनबाद: नगर निगम की 37 सिटी बसें खड़ी-खड़ी सड़ रही हैं. पिछले दो साल से इन बसों का पहिया नहीं घूमा. जो चल रही है, उसकी भी हालत जजर्र है. 9 अगस्त 2010 में तामझाम के साथ नगर बस सेवा शुरू की गयी थी.
प्रथम चरण में 24 बसें शुरू की गयीं. भूतपूर्व कल्याण समिति की देखरेख में बसें चली. लेकिन दो माह के अंदर समिति ने हाथ खड़े कर दिये. इसके बाद झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेटीडीसी) ने बस संचालन की बागडोर संभाली. 70 में पांच बसों को देवघर भेजा गया. फिलवक्त मुश्किल से 10-12 बसों का परिचालन हो रहा है. तीन बस दुर्घटनाग्रस्त है.
कुछ की बैटरी नहीं है तो कुछ की स्टेपनी नहीं है. इधर जेटीडीसी के कर्मचारियों का कहना है कि 25 बस चालू हालत में है. लेकिन ड्राइवर व कंडक्टर नहीं मिलने के कारण गाड़ी चल नहीं पा रही है.जेटीडीसी से मिली जानकारी के मुताबिक रोजाना 10 से 12 सिटी बसें चलती है. कुछ बसें डेढ़ हजार तो कुछ हजार तो कुछ आठ सौ रुपये प्रतिदिन कलेक्शन देती है.