धनबाद : इस्पात उद्योग व वाशरी को संकट से उबारने के लिए बीसीसीएल वाशरी स्थापना के रूप में सार्थक पहल करने जा रहा है. अगले तीन साल के अंदर बीसीसीएल में 14 यूनिट (वाशरी) स्थापित करने की योजना है, जिससे बीसीसीएल की कोल वाशिंग क्षमता 63.33 मिलियन टन प्रतिवर्ष हो जायेगी.
कोल सचिव सुशील कुमार ने शुक्रवार को विशेष बातचीत में उक्त बातें बतायी. कहा कि पहले चरण में वर्ष 2019-20 तक कुल 21.1 मिलियन टन क्षमता की सात नयी वाशरी लगाने की योजना पाइप लाइन में हैं, जबकि दूसरे चरण में वर्ष 2021-22 तक कुल 33.6 मिलियन टन क्षमता की सात नयी वाशरी लगाने की योजना है. कंपनी की चार पुरानी वाशरी को पुन: रेनोवेट कर उनकी वाशिंग क्षमता को बढ़ा कर 6.33 मिलियन टन प्रतिवर्ष किया जायेगा.
61मिलियन टन होगी वाशरी क्षमता : 14 नयी वाशरियों के स्थापित होने व पुरानी चार वाशरियों के रेनोवेट के बाद वर्ष 2022 तक बीसीसीएल की कोल वाशिंग क्षमता प्रतिवर्ष 63.33 मिलियन टन हो जायेगी. इससे न सिर्फ स्टील उद्योग को पर्याप्त वाश्ड कोल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, बल्कि बीसीसीएल की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ बनायेगी. बता दें कि बीसीसीएल की दहीबाड़ी में 1.6 मिलियन टन क्षमता नयी वाशरी से जनवरी माह से ही उत्पादन शुरू हो गया है, जबकि पांच एमटी प्रतिवर्ष क्षमता की पाथरडीह वाशरी का 16 मार्च को कोल सचिव ने उद्घाटन किया.
सुदामडीह सहित चार वाशरी का होगा पुनरुद्धार
बीसीसीएल की वर्तमान संचालित चार पुरानी वाशरियों को रेनोवेट किया जायेगा, ताकि उन सभी के वाशिंग क्षमता को बढ़ाया जा सके और गुणवत्ता भी बरकरार रहे. पुरानी वाशरियों में सुदामडीह, महुदा, मधुबन व मुनीडीह वाशरी को रेनावेट किया जायेगा.
पहले चरण में कहां कितनी क्षमता की वाशरी
नाम क्षमता
दहीबाड़ी 1.6
पाथरडीह-वन 5
भोजुडीह 2
मधुबन 5
दुग्धा 2.5
मुनीडीह 2.5
पाथरडीह-टू 2.5
कुल 21.1
दूसरे चरण में लगने वाली वाशरी व क्षमता
नाम क्षमता
कल्याणेश्वरी 3.6
कतरास 5
कुसुंडा-वन 5
सिजुआ 5
कुसुंडा-टू (एलवीएमटी) 5
भोजुडीह 5
बरोरा-न्यू 5
कुल 33.6