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नेपाल रवानी के 28वें शहादत दिवस पर किचकिच, राजनीतिक भाषण मना था, चल दिये झामुमो-मासस नेता
केंदुआ : नेपाल रवानी के 28वें शहादत दिवस पर रविवार को गोधर मोड़ में श्रद्धांजलि सभा की गयी. इसका आयोजन नेपाल रवानी स्मारक समिति ने किया था. कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे और शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किये. माल्यार्पण की शुरुआत शहीद की पत्नी सावित्री देवी ने की. सभा में वक्ताओं […]
केंदुआ : नेपाल रवानी के 28वें शहादत दिवस पर रविवार को गोधर मोड़ में श्रद्धांजलि सभा की गयी. इसका आयोजन नेपाल रवानी स्मारक समिति ने किया था. कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे और शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किये. माल्यार्पण की शुरुआत शहीद की पत्नी सावित्री देवी ने की. सभा में वक्ताओं ने शहीद नेपाल रवानी के जीवन, उनके जुझारूपन व अन्याय के खिलाफ लड़ने की उनकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण मना था.
आयोजकों ने ताकीद की थी कि सिर्फ नेपाल रवानी के बारे में बोलना है. कार्यक्रम की अध्यक्षता अजय रवानी ने की. संचालन रणवीर प्रताप रवानी ने किया. इसके बावजूद मासस के नरेश पासवान ने झारखंड की भाजपा सरकार के क्रिया-कलापों के खिलाफ टीका टिप्पणी की.
उसके थोड़ी देर बाद भाजपा के कतरास से आये विकास बजरंगी ने शहीद नेपाल रवानी के सम्मान को लेकर झामुमो व पूर्ववर्ती सरकारों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया. इसके जबाब में झामुमो के देबू महतो ने कहा कि शहीदों का सम्मान झामुमो की देन है. सभा का संचालन कर रहे स्मारक समिति के रणबीर प्रताप रवानी ने कार्यक्रम को राजनीतिक मंच नहीं बनाने और राजनीतिक टीका-टिप्पणी का विरोध करते हुए मंच पर माइक फेंक दिया. इसके बाद झामुमो नेता और पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो, मासस के जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू, झामुमो के जिलाध्यक्ष रमेश टुडू उठे और अपने समर्थकों के साथ चल दिये. बाद में पत्रकारों के पूछने पर चलते-चलते मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि आज के युवाओं को दिग्भ्रमित होने के बजाय नेपाल रवानी के विचारों से शिक्षा लेने की जरूरत है.
इस दौरान स्मारक समिति के अध्यक्ष सह शहीद नेपाल रवानी के पुत्र अजय रवानी ने मथुरा प्रसाद महतो से क्षमा याचना की. लेकिन लोग नहीं माने. इस संबंध में पूछे जाने पर पप्पू ने कहा कि विपक्ष के लोग जब बोलेंगे तो सत्ता पक्ष पर निशाना साधेंगे ही. इसलिए हम लोगों ने श्रद्धांजलि देकर चले जाना ही उचित समझा. मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि उन्हें एक अन्य कार्यक्रम में जाना था, इसलिए वे चले गये. कार्यक्रम का बॉयकॉट नहीं किया.
पहुंचे संजीव : इस प्रकरण के काफी देर बाद पहुंचे राज्य सभा सांसद संजीव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि लोगों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़िए.
जैसे शहीद नेपाल रवानी लड़ते थे. समाज के विकास से जुड़े मुद्दे की आवाज बुलंद कीजिए. मैं तो राजनीति में नहीं था. एक्सीडेंट से राजनीति में आ गया. राज्य सभा सांसद बना पार्लियामेंट भेजा गया. पार्लियामेंट पहुंचने के बाद धनबाद ही नहीं, बल्कि राज्य भर के मुद्दों को पार्लियामेंट में रखा. चाहे वह धनबाद के बेलगड़िया के 108 विस्थापितों के नियोजन का मामला हो या भ्रष्टाचार के सवाल. मशीन खरीद घोटाले में बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी पर दो एफआइआर हो चुकी है. उनका ेल जाना भी तय है. शाम को जेएमएम नेता सह सिल्ली विधायक अमित महतो पहुंचे और श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद के घर जाकर शहीद के परिजनों से मिले.
इन्होंने दी श्रद्धांजलि : जेएमएम नेता सह पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो व मासस जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मन्नान मल्लिक, जेएमएम जिलाध्यक्ष रमेश टुडू, सांसद संजीव कुमार के प्रतिनिधि बिदेश कुमार दां, बीसीकेयू नेता नंदलाल महतो, पवन महतो, अखिल भारतीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम रंजन, वार्ड पार्षद कर्मी देवी, पूर्व वार्ड पार्षद संजय यादव, कहार महासभा के जिलाध्यक्ष आकाश रवानी, नेपाल रवानी विचार मंच के समीर रवानी, मनीष रवानी, आशीष पासवान, देबू महतो, मदन महतो, मनोज महतो, शिव प्रसाद महतो, राजद जिलाध्यक्ष अवधेश यादव, राजू पांडेय, सुबोध राय, संतोष साहू, सत्यनारायण रवानी, अली हसन, दिलीप, नीलकंठ रवानी, हरिपद रवानी आदि.
आयोजन में इनकी भूमिका : संतोष रवानी, महेंद्र प्रसाद, रोहित महतो, बबलू रवानी, सुनील रवानी, सुधीर रवानी, जगदीश रवानी, अमरजीत रवानी, प्रदीप रवानी, निर्मल रवानी, माथुर रवानी व अन्य.
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