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चेंबर का आंदोलन जैसे ऊंची दुकान और फीकी पकवान

बिहारी लाल चौधरी हत्याकांड में दिखी थी ताकत, अब होते जा रहे निष्प्रभावी धनबाद : जिले में दिन पर दिन चेंबर ऑफ कॉमर्स का आंदोलन निष्प्रभावी होता जा रहा है. जैसे ऊंची दुकान और फीकी पकवान. न प्रशासन उसकी परवाह करता है और न ही सरकार कोई कदम उठाती है. जबकि व्यवसायियों के इस संगठन […]

बिहारी लाल चौधरी हत्याकांड में दिखी थी ताकत, अब होते जा रहे निष्प्रभावी

धनबाद : जिले में दिन पर दिन चेंबर ऑफ कॉमर्स का आंदोलन निष्प्रभावी होता जा रहा है. जैसे ऊंची दुकान और फीकी पकवान. न प्रशासन उसकी परवाह करता है और न ही सरकार कोई कदम उठाती है. जबकि व्यवसायियों के इस संगठन का एक बड़ा तबका भाजपा समर्थक रहा है. हाल के वर्षों में चेंबर ने कई जनमुद्दों पर जोरदार तरीके से आवाज उठायी, लेकिन संघर्ष को मंजिल तक नहीं ले जा सके. आंदोलन महज खानापूर्ति बन कर रह गया. शायद यही कारण है कि एक-दो आंदोलन को छोड़ लगभग आंदोलन बीच में ही समाप्त हो गया. एयरपोर्ट मुद्दे को लें. आंदोलन की रफ्तार काफी तेज थी लेकिन मंजिल तक पहुंचने के पहले चेंबर बैकफुट पर आ गया.
बिहारी लाल चौधरी हत्याकांड के समय चेंबर की ताकत दिखी थी. आंदोलन इतनी धारधार थी कि तत्कालीन एसपी मनोज कौशिक का तबादला हो गया. इसके बाद एक दो आंदोलन जैसे झरिया पुल चौड़ीकरण, धनसार में सड़क व नाला निर्माण पर चेंबर को वाह-वाही मिली.
…एयरपोर्ट आंदोलन पर ब्रेक को लेकर मलाल : एयरपोर्ट आंदोलन पर चेंबर के कुछ पदाधिकारियों को मलाल है. चेंबर पदाधिकारियों की मानें तो हवाई अड्डा मामले पर और काम करने की आवश्यकता थी. बैलगाड़ी जुलूस से अच्छा रिस्पांस मिला था. आंदोलन को और आगे ले जाया जा सकता था, लेकिन बीच में ही आंदोलन ड्राप हो गया.
और कागजी शेर एक भी मौका नहीं छोड़ते
कागजी शेर बनने में चेंबर के कई पदाधिकारी एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं. बयान तो धारधार होता है लेकिन जमीन पर नहीं उतरता. बिजली की लचर व्यवस्था पर चेंबर के अधिकारी ने सांसद व विधायक की बिजली काटने व प्रतिष्ठान बंद कर जीएम को चाबी सौंपने तक की घोषणा की थी. लेकिन चेंबर की यह घोषणा सिर्फ घोषणा बनकर रह गयी. एयरपोर्ट मुद्दे पर भी चेंबर को लाभ नहीं मिला. एयरपोर्ट को लेकर चरणबद्ध आंदोलन चलाया गया. बैलगाड़ी जुलूस तक निकाला गया. बलियापुर में प्रस्तावित एयरपोर्ट पर हल चलाने की घोषणा की गयी लेकिन बीच में ही आंदोलन पर ब्रेक लग गया.
अब बिजली दर में वृद्धि के खिलाफ लड़ाई
बिजली दर में वृद्धि के प्रस्ताव के खिलाफ चेंबर इन दिनों चरणबद्ध आंदोलन कर रहा है. हस्ताक्षर अभियान के बाद मंगलवार को लालटेन जुलूस निकाला जायेगा. नियामक आयोग का पुतला फूंका जायेगा. मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा. क्या सरकार इस आंदोलन पर नोटिस लेलेगी? हालांकि चेंबर के आला अधिकारी मानते हैं कि आंदोलन से फायदा तो होता ही है. कम से कम हमारी आवाज तो सरकार के पास पहुंचती है. आला अधिकारी भी चेंबर की मांगों पर त्वरित निष्पादन करते हैं. 26 को धनबाद में बिजली बोर्ड की ओर से प्रस्तावित दर वृद्धि पर बैठक रखी गयी है. बैठक में चेंबर का आंदोलन रंग लायेगा.

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