जमशेदपुर से आये नेत्रहीन को मिली मायूसी
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पीएमसीएच से लौट चुके हैं 180 जरूरतमंद
जमशेदपुर से आये नेत्रहीन को मिली मायूसी धनबाद : पीएमसीएच के ब्लड बैंक की कार्यशैली से इन दिनों समाजसेवियों में आक्रोश है. एक ओर नेत्रदाताओं की अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो रही है, तो दूसरी ओर आंखों में रोशनी की आस लगाये आगे अब तक 180 जरूरतमंदों को पीएमसीएच से यह कहकर लौटा दिया गया […]
धनबाद : पीएमसीएच के ब्लड बैंक की कार्यशैली से इन दिनों समाजसेवियों में आक्रोश है. एक ओर नेत्रदाताओं की अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो रही है, तो दूसरी ओर आंखों में रोशनी की आस लगाये आगे अब तक 180 जरूरतमंदों को पीएमसीएच से यह कहकर लौटा दिया गया कि आंखें ऑपरेशन के लायक नहीं हैं. सोमवार को जमशेदपुर से भोनु महतो के 17 वर्षीय पुत्र गोवर्द्धन महतो रोशनी के लिए पीएमसीएच आया, लेकिन यहां पर भी चिकित्सकों ने उसमें कमियां बताकर लौटा दिया. इसके नाराज समाजसेवियों ने आइ बैंक के पास हंगामा किया. इसके बाद मायूस जरूरतमंद लौट गये. मौके पर मधुरेंद्र सिंह, अंकित राजगढ़िया आदि थे. इधर, आइ बैंक के प्रभारी डॉ रजनीकांत सिन्हा कुछ भी बताने से बचते रहे.
बचपन में बीमारी से आंख हो गयी थी खराब: भोनु महतो जमशेदपुर में चाय की दुकान चलाते हैं. बताया कि गोवर्द्धन की जन्मजात समस्या नहीं है. तीन चार वर्षों में एक बीमारी से उसकी आंखों खराब हो गयी थी. डॉक्टरों ने बताया कि काॅर्निया खराब हो गया है. जब काॅर्निया मिलेगी तो लगा दिया जायेगा. जिससे गोवर्द्धन इस दुनिया को दोबारा देख सकता है. लेकिन पीएमसीएच आने पर चिकित्सकों ने कहा आंख नहीं बल्कि नस की समस्या है.
आइ बैंक में कॉर्निया खराब होने की आशंका
पीएमसीएच के आइ बैंक में रखी गयी कॉर्निया खराब होने की आशंका जतायी जा रही है. इसकी चर्चा होने लगी है. लेकिन चिकित्सक कुछ भी बताने से बच रहे हैं. इधर, नेत्र दान कराने वाली संस्था बंगाली वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी भी पीएमसीएच के रवैये से खासे नाराज है. पदाधिकारियों का कहना है कि काॅर्निया खराब हुआ तो आगे नेत्रदान के लिए कैसे प्रेरित किया जा सकता है.
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