धनबाद: सिंडिकेट बैंक धनबाद शाखा से हाउसिंग लोन, ओवर ड्राफ्ट व टर्न लोन के नाम पर लियोनिस फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड गुजरात के प्रोपराइटर विनय कुमार सिंह व शंकरा कंस्ट्रक्शन के मालिक विनोद सिंह ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से चार करोड़ आठ लाख का घोटाला किया है.
गुरुवार को धनबाद सीबीआइ की स्पेशल टीम ने धनबाद, मुंबई, हैदराबाद, भिलाई, पटना व बेंगलुरु में घोटाला में शामिल बैंक अधिकारियों समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर छापामारी की . सीबीआइ सूत्रों के अनुसार घोटाला वर्ष 06-07 में किया गया.
जांच में पता चला कि इसमें बैंक के चीफ मैनेजर एनसी पाठक व आरके शरण, सीनियर मैनेजर बीआर सिन्हा की मिलीभगत थी. कुल तेरह लोगों की संलिप्तता सामने आयी. तीनों तत्कालीन अधिकारियों समेत सभी के खिलाफ धनबाद सीबीआइ से शिकायत की गयी. एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. गुरुवार को दोपहर में बेकारबांध स्थित विनय कुमार सिंह व विनोद सिंह के आवास पर सीबीआइ टीम ने छापामारी की और कई दस्तावेज जब्त किये. सीबीआइ टीम ने दोनों के आवास में दो घंटे से अधिक समय तक जांच पड़ताल की. बैंक से संबंधित कागजात की जांच की जा रही है.
कौन है विनय सिंह : सिंडिकेट बैंक से लोन ले कर नहीं चुकाने वाले विनय सिंह बेकारबांध में काली मंदिर के पास रहते हैं. पिछले कुछ समय से भूमिगत चल रहे हैं. उनके छोटे भाई विजय सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं.
विनय सिंह का पहले बैंक मोड़ में दवा दुकान थी. बाद में बालू, कोयला के व्यवसाय में उतरे. उन पर इलाहबाद बैंक से भी हाउसिंग लोन ले कर नहीं चुकाने का मामला चल रहा है. बाद में उन्होंने बेकारबांध में ही शंकरम अपार्टमेंट बनाया. इसमें उनके कई परिजन भी शामिल बताये जाते हैं.