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छह वर्षों से पड़े हैं 80 लाख रुपये
सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को नहीं मिल रही तत्काल सेवा वर्ष 2011-12 में ट्रॉमा सेंटर के लिए सरकार ने आवंटित की थी राशि धनबाद : तमाम वायदे व घोषणाओं के बावजूद कोयलांचल में बहुप्रतीक्षित मांग ट्राॅमा सेंटर का निर्माण इस वर्ष भी शुरू नहीं हुआ. जबकि पीएमसीएच के खाते में छह वर्षों से ट्रॉमा […]
सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को नहीं मिल रही तत्काल सेवा
वर्ष 2011-12 में ट्रॉमा सेंटर के लिए सरकार ने आवंटित की थी राशि
धनबाद : तमाम वायदे व घोषणाओं के बावजूद कोयलांचल में बहुप्रतीक्षित मांग ट्राॅमा सेंटर का निर्माण इस वर्ष भी शुरू नहीं हुआ. जबकि पीएमसीएच के खाते में छह वर्षों से ट्रॉमा सेंटर की राशि पड़ी है.
जुलाई 2017 में राज्य सरकार ने धनबाद में ट्राॅमा सेंटर के 101 पद सृजित किये, एक माह में काम शुरू करने की बात कही गयी, लेकिन घोषणाओं में ही यह वर्ष भी बीत गया. ज्ञात हो कि वर्ष 2011-12 में ट्रॉमा सेंटर के लिए सरकार ने 80 लाख रुपये पीएमसीएच को आवंटित किया था, लेकिन इसके बाद सरकार व प्रबंधन का रवैया उदासीन रहा है.
9.30 करोड़ का बनना है ट्रॉमा सेंटर : पीएमसीएच में सरकार की ओर से ट्राॅमा सेंटर के लिए 9.30 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. धनबाद में सौ बेड का बी टाइप का ट्राॅमा सेंटर बनना है.
ट्राॅमा सेंटर पूर्णत: एसी पैक होना है. यहां दुर्घटना में शिकार मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध करायी जाती है. ट्राॅमा सेंटर से 60 प्रतिशत मृत्यु दर को कम किया जा सकता है. इसके लिए 101 पद सृजित किये गये हैं.
ट्राॅमा सेंटर की राशि से दिया जाता है वेतन: पीएमसीएच में ट्राॅमा सेंटर के पैसों से भले ही भवन का काम नहीं शुरू हुआ, लेकिन इस राशि को बहु वैकल्पिक बना दिया गया. जूनियर डॉक्टरों या इंटर्न का मानदेय नहीं मिलने पर इस राशि को दिया गया है. इस पर सरकार व प्रबंधन की आलोचना भी हुई. लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ.
तीन बार जमीन चिह्नित, नतीजा शून्य
ट्रॉमा सेंटर के लिए शहर में तीन जगहों पर जमीन चिह्नित की गयी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी. वर्ष 2013-14 में गोविंदपुर के पास जमीन चिह्नित की गयी, लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं हो पायी. फिर इसी वर्ष पीएमसीएच के पास जमीन चिह्नित की गयी, यहां भी जमीन उपलब्ध नहीं हुई. इसके बाद स्टील गेट के पास जमीन चिह्नित की गयी, लेकिन यहां अतिक्रमण बाधा बनकर सामने आ गया. अतिक्रमण की समस्या प्रशासन पर डाल कर प्रबंधन ने भी किनारा कर लिया. तब से अब तक मामला ठंडे बस्ते में है.
जल्द ही शुरू होगा आगे का काम
ट्राॅमा सेंटर के लिए सरकार गंभीर है, इसके लिए पद सृजित किये हैं. जल्द इस पर आगे का काम शुरू होगा.
डॉ विकास राणा, प्रवक्ता, पीएमसीएच.
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